विक्रम विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर हुआ विशिष्ट परिसंवाद

बहुविषयक अनुसंधान का क्षेत्र है अंतरिक्ष विज्ञान, जिसमें भारत का योगदान अद्वितीय है- कुलगुरु प्रो पांडेय
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर हुआ मंथन
अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की उपलब्धियों पर केंद्रित डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की विधि अध्ययनशाला में 23 अगस्त को पहली बार राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया गया। इस अवसर पर अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर केंद्रित परिसंवाद आयोजित किया गया। इस अवसर पर अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की उपलब्धियों पर केंद्रित डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए माननीय कुलगुरु प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय द्वारा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के महत्व को विज्ञान की उपलब्धि के रूप में मनाने का आग्रह किया गया। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान एक बहुविषयक अनुसन्धान का क्षेत्र है। इसमें अनेक क्षेत्रों के वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों की प्रतिभा और समर्पण दिखाई देता है। अंतरिक्ष विज्ञान में भारत का योगदान अद्वितीय है।

विशिष्ट अतिथि के रूप में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा द्वारा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस एवं भारत में अंतरिक्ष अनुसंधान को लेकर किए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि यह गौरव की बात है कि भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश और उसके दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में पहुंचने वाला पहला देश बन गया है।

प्रारम्भ में विभागाध्यक्ष प्रो. डी.डी. बेदिया द्वारा प्रारम्भ में विषय प्रवर्तन किया गया। उन्होंने पुष्प माला से कुलगुरु एवं अतिथियों का स्वागत किया। अतिथि के रूप में विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रोफेसर उमा शर्मा द्वारा भारतीय परम्परा और स्पेस विज्ञान के सम्बंध में परिसंवाद में जानकारी दी गई। फिजिक्स के सहायक प्राध्यापक डॉ. गणपत अहिरवार द्वारा फिजिक्स में किये जा रहे नवीन अनुसंधानों पर प्रकाश डाला गया।

विद्यार्थी प्रतिभा सिंह ने कुलगुरु को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस से संबधित एक पोस्टर अर्पित किया। परिसंवाद के अन्तर्गत मुख्य अतिथि के रूप में कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय एवं उपस्थित शिक्षकों द्वारा माँ सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरूआत की गई।

विधि अध्ययनशाला के कर्मचारी उमेश करारे, संजय पाल, रमा तिवारी एवं शोधार्थी हितांश शर्मा, गौरव तिवारी और साथी विद्यार्थी अवधेश बड़गोतिया, शिवांग पाण्डे, रामचरण, समर्थ विपट, सूरज मालवीय एवं अन्य विद्यार्थियों का अतुल्य सहयोग प्राप्त हुआ। अंत में सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया एवं राष्ट्रगान द्वारा कार्यक्रम का समापन किया गया।

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