काली दास पाण्डेय, मुंबई। माँ चुनकी देवी प्रोडक्शंस की नवीनतम प्रस्तुति ‘आखिर पलायन कब तक’ का स्पेशल स्क्रीनिंग पिछले दिनों अंधेरी (पश्चिम), मुंबई स्थित ‘सिने पोलिस’ प्रेक्षागृह में संपन्न हुआ। सोहनी कुमारी और अलका चौधरी द्वारा निर्मित इस फिल्म के लेखक व निर्देशक मुकुल विक्रम हैं। एक सत्य घटना पर आधारित फिल्म ‘आखिर पलायन कब तक’ की कहानी दो समुदाय के बीच धार्मिक उन्माद की वजह से हो रही हत्याओं, थाने में तैनात एक पुलिस इंस्पेक्टर, एक लापता परिवार और उसके चार सदस्यों और कई अन्य रोमांचक स्थितियों के इर्द-गिर्द घूमती है।
यह फिल्म असल में कश्मीरी पंडितों के मुस्लिम ‘मोहल्ले’ में रहने के घातक और भयानक अनुभवों को उजागर करती है। किस तरह से अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदाय एक दूसरे के प्रति नफरत और द्वेष रखते हैं। किस तरह से एक दूसरे को दबाने, डर का माहौल पैदा कर एक दूसरे को बेइज्जत करने के लिए अलग-अलग हथकंडे इस्तेमाल करते हैं। यही इस फिल्म में बताने का प्रयास किया गया है।
इस फिल्म में राजेश शर्मा, भूषण पटियाल, गौरव शर्मा, चितरंजन गिरी, धीरेंद्र द्विवेदी और सोहनी कुमारी की मुख्य भूमिका है। ‘आखिर पलायन कब तक’ उन सभी सिनेमा प्रेमियों के लिए ट्रीट होगी, जो यथार्थवादी सिनेमा देखना पसंद करते हैं। यह फिल्म जीवन और समाज की वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है। यह फिल्म 16 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
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