अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 18 मई 2023 पर विशेष

संग्रहालय, वर्तमान अतीत व आने वाली पीढ़ियों की स्मृतियों के बीच का पुल है, जो हमें इतिहास से जोड़ता है
दुनियां के विकास का सही मार्ग तलाशने लिए ऐतिहासिक धरोहरों, संस्कृति, परंपराओं को संभाल कर रखना ज़रूरी
– एडवोकेट किशन भावनानी

किशन सनमुख़दास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्। वैश्विक स्तरपर हम हर देश के अपने अपने इतिहास के खूबसूरत पुराव वस्तुएं संस्कृतियों कलाकृतियां संस्कृति प्राकृतिक विज्ञान, मानव विज्ञान विधियों प्राणी विज्ञान, को अपने-अपने राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान या अन्य प्रकार के संग्रहालय में उम्र में उनकी सुरक्षा व्याख्या और उद्देश्य हेतु संवर्धन, संग्रह करना, उनके महत्व का प्रसार करना तथा राष्ट्रीय पहचान के प्रतीक के रूप में कार्य करना संग्रहालय का खूबसूरत काम होता है, जिसके कारण उन देशों के नागरिकों को हजारों वर्ष पूर्व के ज्ञान का बोध होता है।

अपने देश की संस्कृति अपने पूर्वजों के जीवन यापन और हजारों वर्ष पूर्व के हर विज्ञानों का बोध संग्रहालय के द्वारा ही होता है जो विशेष उल्लेखनीय उपलब्धि है कि हम आज के आधुनिक युग में हजारों वर्ष की पूर्व कि मानवीय और अन्य योनियों के जीवन यापन और प्रयोग में लाई वस्तुओं को देख सकते है। आर्टिकल में प्रयुक्त जानकारी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पीआईबी से ली गई है।

साथियों बात अगर हम संग्रहालयों के महत्व और थीम 2023 की करे तो संग्रहालय वह स्थान है, जहां उस जगह की संस्कृति, परंपरा और अतीत की स्मृतियों को अवशेषों और कलाकृतियों के तौर पर संरक्षित किया जाता है। भारत का इतिहास समृद्ध वास्तुकला, संस्कृति, परंपराओं से परिपूर्ण है। कई वंशों ने राज किया, जिनकी मुद्रा, पहनावा, औजार और अन्य कलाकृतियों के बारे में जानने के लिए वर्तमान में लोग उत्साहित रहते हैं। एक पौधा पेड़ बन जाए, फिर भी वह जीवित तब तक रहता है, जब तक जड़ों से जुड़ा रहता है।

वैसे ही दुनिया के विकास के लिए इतिहास को याद रखना जरूरी है। अपनी संस्कृति परंपरा ऐतिहासिक दिन, लोग और धरोहरों को संभालकर रखना चाहिए, ताकि विकास का सही मार्ग तलाश सकें। इसी जरूरत को समझते हुए दुनिया भर के देश अपनी संस्कृति, परंपरा और ऐतिहासिक महत्व रखने वाली अतीत की स्मृतियों के अवशेषों और कलाकृतियों को एक सुरक्षित स्थान पर संरक्षित रखते हैं। इसे संग्रहालय कहा जाता है। संग्रहालय लोगों व आने वाली पीढ़ियों और अतीत की स्मृतियों के बीच का पुल है, जो हमें इतिहास से जोड़ता है।

लोगों को इतिहास तक पहुंचाने और इससे जुड़ी चीजों को सहेजने के लिए विश्व भर में कई बड़े, बहुत पुराने और लोकप्रिय संग्रहालय मौजूद हैं। इन संग्रहालयों के महत्व को समझाने के उद्देश्य से हर साल 18 मई अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस भी मनाया जाता है।भारत के लगभग सभी हिस्सों में भारत के प्रमुख संग्रहालय स्थापित किए गए ताकि पर्यटन और इतिहास प्रेमी भारतीय कलाकृतियों और अवशेषों के जरिए समृद्ध संस्कृति और परंपराको जान सकें।

प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस की एक थीम तय होती है, इसका निर्णय इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम (आईकॉम) के द्वारा किया जाता है। जो एक ऐसा संगठन है, जिसका मुख्य कार्य ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की चीजों को संजोकर रखना है। दुनिया भर में आईकॉम की 31अंतरराष्ट्रीय समितियां हैं। इसके अलावा आईकॉम अहम वस्तुओं की अवैध तस्करी की रोकथाम का भी कार्य करता है। साथ ही आपातकालीन स्थिति में संग्रहालयों को मदद भी मुहैया कराता है। अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 2023 की थीम संग्रहालय स्थिरता और कल्याण रखी गई है।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

साथियों बात अगर हम भारत में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 2023 मनाने की करे तो माननीय पीएम नें 18 मई 2023 को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में सुबह साढ़े दस बजे अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो 2023 का उद्घाटन करेंगे। आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में 47 वें अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस (आईएमडी) का जश्न मनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो का आयोजन किया गया है। इस वर्ष के लिए अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का विषय संग्रहालय, स्थिरता और कल्याण है।

संग्रहालय एक्सपो को संग्रहालय पेशेवरों के साथ संग्रहालयों पर एक समग्र बातचीत शुरू करने के लिए डिजाइन किया गया है, ताकि वे भारत की सांस्कृतिक कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सांस्कृतिक केंद्रों के रूप में विकसित हो सकें। कार्यक्रम के दौरान, पीएम नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक में आगामी राष्ट्रीय संग्रहालय के एक वर्चुअल वॉकथ्रू का उद्घाटन करेंगे। यह संग्रहालय भारत के अतीत से संबंधित उन ऐतिहासिक घटनाओं, व्यक्तित्वों, विचारों और उपलब्धियों को उजागर करने और प्रदर्शित करने का एक व्यापक प्रयास है। जिन्होंने भारत के वर्तमान के निर्माण में योगदान दिया है।

साथियों बात अगर हम संग्रहालय की करें तो, सबसे बड़े संग्रहालय दुनिया भर के प्रमुख शहरों में स्थित हैं, जबकि हजारों स्थानीय संग्रहालय छोटे शहरों, कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद हैं। संग्रहालयों के अलग-अलग उद्देश्य होते हैं, उनके संग्रह के संरक्षण और प्रलेखन से लेकर, शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों की सेवा करने से लेकर आम जनता के लिए खानपान तक। शोधकर्ताओं की सेवा करने का लक्ष्य न केवल वैज्ञानिक है, बल्कि आम जनता की सेवा करना है। दुनिया के किसी भी लोकप्रिय संग्रहालय में जाकर अनेक आयोजनों को देखा जा सकता है। दुनियां के कुछ सबसे लोकप्रिय संग्रहालय ये हैं।

(1) द हर्मिटेज, रूस (2) लौवर, फ्रांस (3) मिस्र का संग्रहालय, मिस्र (4) एक्रोपोलिस संग्रहालय, ग्रीस (5) ब्रिटिश संग्रहालय, इंग्लैंड। भारत में भी अपने आप में बहुत सारे उत्कृष्ट रूप से निर्मित संग्रहालय हैं जिनमें कुछ अद्वितीय हैं। (1) प्रिंस ऑफ वेल्स संग्रहालय, मुंबई (2) शंकर्स इंटरनेशनल डॉल्स म्यूजियम, नई दिल्ली, (3) राष्ट्रीय रेल संग्रहालय, नई दिल्ली, (4) सालार जंग संग्रहालय, हैदराबाद, (5) केलिको म्यूजियम ऑफ टेक्सटाइल्स, अहमदाबाद, (6) देश में इंडियन म्यूजियम, कोलकाता की गिनती सबसे पुराने संग्रहालयों में होती है। इसकी स्थापना वर्ष 1814 में हुई थी।

साथियों बात अगर हम संग्रहालय के उद्देश्यों की करें तो संग्रहालय एक ऐसा संस्थान है जो समाज की सेवा और विकास के लिए जनसामान्य के लिए खोला जाता है और इसमें मानव और पर्यावरण की विरासतों के संरक्षण के लिए उनका संग्रह, शोध, प्रचार या प्रदर्शन किया जाता है। जिसका उपयोग शिक्षा, अध्ययन और मनोरंजन के लिए होता है। भारत में संग्रहालय की अवधारणा अति प्राचीन काल में देखी जा सकती है। जिसमें चित्र-शाला (चित्र-दीर्घा) का उल्‍लेख मिलता है।

साथियों बात अगर हम अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाने के उद्देश्यों की करें तो, दुनियाभर में मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस को मनाने की प्रथा इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम ने शुरू की। सबसे पहले इस दिन को साल 1977 में मनाया गया। जबकि 2021 वर्ष लॉकडाउन के कारण ऐसा हो पाना संभव नहीं ह था। इस दिवस में हिस्सा लेने वाले देशों की संख्या अब 129 तक पहुंच गई। दुनियाभर में करीब 30 हज़ार से अधिक संग्रहालय हैं जो इस दिन को मनाते हैं।

साथियों बात अगर हम हमारे जीवन में संग्रहालय के रोल की करें तो, संग्रहालय में प्रदर्शित होने वाली कलाकृतियों और कार्यक्रमों के बीच एक सहजीवी संबंध रहा है जो लोगों को उनकी संस्कृति से जोड़ता है। संग्रहालय में रखी गयी कलाकृतियों में से प्रत्येक में भारत और पूर्वी दुनिया का इतिहास और संस्कृति समाहित है। भारतीय संग्रहालय एक ऐसा संस्थान है जो जहां एक ओर आपको अपने मित्रों, पड़ोसियों से मिलने, उनके विचार जानने और उनसे चर्चा करने के अवसर प्रदान करता है।

वहीं समाज के सक्रीय सदस्य के रूप में आपको अंतरराष्ट्रीय संग्रहालयों में प्रवेश के भी अवसर प्रदान करता है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 18 मई 2023 पर विशेष। संग्रहालय वर्तमान अतीत व आने वाली पीढ़ियों की स्मृतियों के बीच का पुल है, जो हमें इतिहास सेजोड़ता है। दुनियां के विकास का सही मार्ग तलाशने लिए ऐतिहासिक धरोहरों, संस्कृति, परंपराओं को संभाल कर रखना जरूरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four × 2 =