कोलकाता। आखिरकार छह दिनों बाद मंगलवार को दक्षिण 24 परगना जिले के पीयाली द्वीप के समीप काफी मशक्कत के बाद रॉयल बंगाल टाइगर को वन विभाग के कर्मचारी पिंजरे में कैद करने में सफल हो पाए। दरअसल 6 दिन पहले रॉयल बंगाल टाइगर कुलतली के जन बहुल इलाके में घुस गया था। इसके बाद से इलाके के लोग आतंक में थे। पिछले छह दिनों से लगातार इलाके में बाघ के पैरों के निशान मिल रहे थे और उसके गुर्राने की आवाज भी सुनाई पड़ रही थी। रॉयल बंगाल टाइगर के हमले में इलाके के लोग घायल भी हुए थे। सोमवार शाम से ही ड्रोन के माध्यम से वन विभाग के कर्मचारी लगातार टाइगर की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे।
मंगलवार सुबह वन विभाग के कर्मचारियों ने जंगल वाले इलाके में जाल लगा दिया और लाठी-डंडों के साथ वन विभाग के कर्मचारियों का एक दल जंगल में घुस गया। इस दौरान कई बार वन विभाग के कर्मचारियों का रॉयल बंगाल टाइगर से सामना भी हुआ. वह लगातार गरज रहा था। उसे काबू में करने के लिए विभाग के कर्मचारियों ने उसे बेहोशी वाली गोली मारी और उसे पिंजरे में कैद कर लिया। इसके बाद रॉयल बंगाल टाइगर को झाड़खाली चिकित्सा केंद्र लेकर जाया गया। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार रॉयल बंगाल टाइगर का इलाज करवाने के बाद उसे पुनः घने जंगल में छोड़ दिया जाएगा।