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वाराणसी। अमावस्या तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं, जो अमावस्या तिथि सोमवार के दिन पड़ती है उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस साल की पहली सोमवती अमावस्या 20 फरवरी को है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। सोमवती अमावस्या का व्रत विवाहित स्त्रियां अपनी पति की लंबी कामने के लिए रखती है। इस दिन पति की लंबी उम्र के लिए कामना करते हुए महिलाएं व्रत रखती है।
विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं व्रत रखने के साथ साथ पीपल के पेड़ की परिक्रमा भी करती है। बाकी अमावस्या की तुलना में सोमवती अमावस्या का अधिक महत्व है। यदि किसी पर पितृ दोष है तो इस दिन स्नान दान करने से मुक्ति मिलती है। साथ ही कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्तियों को भी इस दिन दान करना चाहिए। ऐसी मान्यताएं हैं कि सोमवती अमावस्या के दिन स्नान और दान करने से मोक्ष मार्ग की प्राप्ति होती है। साथ ही दान देने से ग्रह दोष दूर होगा।
सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त :
सोमवती अमावस्या का आरंभ 20 फरवरी को सुबह 11 बजकर 4 मिनट से होगा और 21 फरवरी को सुबह 6 बजकर 55 मिनट पर अमावस्या तिथि समाप्त हो जाएगी।
सोमवती अमावस्या के दिन निम्नलिखित उपाय कर सकते है :-
* सोमवती अमावस्या के दिन पितरों के नाम से जल में तिल डालकर दक्षिण दिशा में तर्पण करना चाहिए। ऐसे करने से आपको पितरों का आशीर्वाद मिलेगा।
* सोमवती अमावस्या के दिन पितरों के नाम से गीता के सातवें अध्याय का पाठ करना चाहिए।
* मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने से लिए सोमवती अमावस्या के दिन शाम के समय ईशान कोण में दीपक जलाकर रख दें। बत्ती बनाने के लिए लाल रंग के धागे का इस्तेमाल करें। इस उपाय को करने से आप पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहेगी।
* सोमवती अमावस्या का व्रत विवाहित स्त्रियां अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस दिन मौन व्रत करने का विधान है। ऐसा करने से सहस्र गोदान का फल मिलता है। इस दिन विवाहित स्त्रियां पीपल के पेड़ की दूध, जल, पुष्प, अक्षत और चंदन से पूजा करती हैं। इसके बाद 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा कर अपने पति की लम्बी उम्र प्रार्थना करती हैं।
* सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य हर रूप से सुखी और समृद्ध होता है।वह पूर्ण रूप से स्वस्थ्य और सभी दुखों से मुक्त भी होता है। इस दिन पवित्र नदियों के जल में स्नान और तर्पण करने पर पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इस दिन किया गया दान खासकर पितृकर्म के निमित्त किया गया दान-धर्म विशेष फल प्रदान करता है।
* सोमवती अमावस्या के दिन शिवलिंग पर कच्चे दूध और दही से अभिषेक करने से सारे बिगड़े काम बनते हैं और गरीबी दूर होती है।
* सोमवती अमावस्या को स्नान और ध्यान के बाद तुलसी की 108 परिक्रमा की जाए तो इससे दरिद्रता दूर होती है।
* सोमवती अमावस्या के दिन आप भगवान गणेश को भी सुपारी चढ़ाएं तथा अमावस्या की रात को गणेश प्रतिमा के आगे दीपक जलाकर रखे और ओम् गं गणपतये नमः मंत्र की कम से कम 11 बार माला फेरे इससे आपको धन लाभ होगा।
* सोमवती अमावस्या की रात को आप किसी कुएं में एक चम्मच दूध और एक रुपए का सिक्का डाल दें। इससे आपको धन लाभ होने लगेगा।
* सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर शनि मंत्र का जाप करने से शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
* विष योग मतलब यह है कि जिन लोगों की कुंडली में शनि और चंद्रमा की युति विष योग का निर्माण करती है।जिन लोगों की कुंडली में विष योग है वे सभी सोमवती अमावस्या के दिन बहुत उपाय कर सकते हैं जिससे उनको लाभ मिलता है।
* सोमवती अमावस्या के दिन अच्छे कर्म और दान धर्म करके जातक अपने बाधित जीवन को गति प्रदान कर सकते है।
* सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे रात के समय जाकर एक नारियल ले और वह अपने ऊपर से सीधा वार के 7 बार उसे पीपल के नीचे ही तोड़ दें। वह नारियल दो टुकड़े हुए हुए वहीं पर छोड़ कर आए उसे आप नहीं खाएं। इससे आप पर किये कराया और टोने टोटके का प्रभाव खत्म होगा।
* जो एक रुपया, दो रुपये, पांच रुपये या 10 रूपये के सिक्के होते हैं वह सिक्के अपने सर के ऊपर से वार कर गायों के लिए को दान करने चाहिए। आपकी सारी बाधाएं दूर होगी।
* सोमवती अमावस्या के दिन किसी भुखे और गरीब व्यक्ति को खाना खिलाने से पितरो को शांति और तृप्ति मिलती है।
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ज्योतिर्विद् वास्तु दैवग्य
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848