कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया है कि सीबीआई के कुछ अधिकारियों की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ ‘सांठगांठ’ थी, इसी कारण वित्त मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को यहां भेजा। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिलीप घोष ने कहा कि सीबीआई के कुछ अधिकारियों और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच सांठगांठ रहने के चलते कोयला घोटाला, मवेशी तस्करी मामला और स्कूल भर्ती अनियमितता की जांच में कोई नतीजा नहीं निकला है। उन्होंने दावा किया, ‘पश्चिम बंगाल में सीबीआई अधिकारियों के एक वर्ग और टीएमसी के बीच सांठगांठ रहने के चलते एजेंसी की जांच में कोई नतीजा नहीं निकला।
जांच महीनों तक खींची गई। यहां केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिलीप घोष ने कहा कि सीबीआई के कुछ अधिकारियों और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच सांठगांठ रहने के चलते कोयला घोटाला, मवेशी तस्करी मामला और स्कूल भर्ती अनियमितता की जांच में कोई नतीजा नहीं निकला है। उन्होंने दावा किया, पश्चिम बंगाल में सीबीआई अधिकारियों के एक वर्ग और टीएमसी के बीच सांठगांठ रहने के चलते एजेंसी की जांच में कोई नतीजा नहीं निकला। जांच महीनों तक खींची गई।
दिलीप घोष ने कहा कि यही कारण है कि सीबीआई के कुछ अधिकारियों को बंगाल से बाहर भेज दिया गया। लोकसभा सदस्य घोष ने कहा, “फिर ईडी ने वित्त मंत्रालय के निर्देश पर काम करना शुरू किया। दवा की खुराक बढ़ा दी गई। ईडी को पालतू स्वान की तरह काबू नहीं किया जा सकता।” उन्होंने ईडी के आने के बाद कद्दावर लोगों की गिरफ्तारी के साथ जांच के गति पकड़ने का जिक्र करते हुए दावा किया कि ममता बनर्जी की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।