शुभेंदु का दावा- ‘राज्य में कानून का राज नहीं है, यहां के शासक की इच्छा ही कानून है’, यही लाइन TMC को गिरा देगी

कोलकाता: मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट ने बंगाल की राजनीति में खलबली मचा दी है। मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट अब बीजेपी का मुख्य हथियार भी बन गई है। चुनाव के बाद हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने वाले मानवाधिकार आयोग द्वारा उच्च न्यायालय को सौंपी गई एक रिपोर्ट में राज्य सरकार के खिलाफ एक के बाद एक कई गंभीर आरोप लागाए गए हैं।

हालांकि, एक लाइन ने सबसे ज्यादा हलचल मचा दी है। वह है ‘राज्य में कानून का राज नहीं है, यहां के शासक की इच्छा ही कानून है।’ विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि यही लाइन तृणमूल सरकार को गिरा देगी।

एक संवाददाता सम्मेलन में विपक्ष के नेता ने दावा किया कि मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट अब पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है। शुवेंदु ने दावा किया कि राज्य की सत्ताधारी पार्टी के अत्याचार ने स्वतंत्रता से पहले शासकों के अत्याचार को मात दे दी है।

आयोग की रिपोर्ट के अनुरूप उन्होंने मांग की कि आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि राज्य के बाहर सभी मामलों की जांच की जाए। उल्लेखनीय है कि मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट में भी यही मांग की गई है।

शुभेंदु के अनुसार जो लोग इस सरकार का विरोध कर रहे हैं, उन्हें बीजेपी कहा जा रहा है। कानून का कोई शासन नहीं है। यह वह निशानि है जो टीएमसी सरकार को गिरा देगी।

इस दिन शुभेंदु के बगल में बैठे बीजेपी नेता शमिक भट्टाचार्य को यह कहते हुए सुना गया कि हम इस रिपोर्ट का स्वागत करते हैं। हालाँकि, इस रिपोर्ट में सब कुछ नहीं है। यह रिपोर्ट देश के सामने एक मुद्दा उठा रही है। यानी इस राज्य में कानून-व्यवस्था नहीं है। ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से हम में से 40 की मौत हो चुकी है। इस राज्य में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है। यह रिपोर्ट यही दर्शाती है।

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