श्री शनिदेव जी 30 जून रविवार को होंगे वक्री

30 जून से 15 नवंबर तक शनि वक्री रहेंगे

वाराणसी। नवग्रहों में श्री शनिदेव जी सबसे ज्यादा शक्तिशाली ग्रह है। इस वर्ष सन् 2024 ई. श्री शनिदेव 30 जून रविवार को सुबह 12 बजकर 52am पर कुम्भ राशि में वक्री होंगे और इसी वर्ष 15 नवंबर शुक्रवार शाम 07 बजकर 53 मिनट पर मार्गी होंगे श्री शनिदेव के वक्री होने का अर्थ यह है कि श्री शनिदेव अब उल्टा चलेंगे और मार्गी होना यानी सीधा चलेंगे। श्री शनिदेव वक्री की अवधि कुल 139 दिनों की रहेगी। श्री शनिदेव न्याय प्रिय और दंडाधिकारी हैं इसलिए उन्हें कलयुग का न्यायाधीश कहते हैं।

श्री शनिदेव का कार्य प्रकृति में संतुलन पैदा करना है इसलिए समस्त मानव जाति पर श्री शनिदेव जी का वक्री अथवा मार्गी होने पर गहरा प्रभाव होता है। ज्योतिष के अनुसार श्री शनिदेव जी कर्म और सेवा का कारक होते है यानि इसका सीधा संबंध आपकी नौकरी और व्यवसाय से होता है। इसी वजह से श्री शनिदेव जी की चाल का असर आपकी नौकरी व व्यवसाय में सफलता और उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। इनके प्रभाव से ही मनुष्य के जीवन में बड़े बदलाव होते हैं। ये परिवर्तन सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकते हैं।

श्री शनिदेव जी की उल्टी चाल का किस-किस राशि पर क्या-क्या प्रभाव पड़ता है आइए जानते हैं…
श्री शनिदेव जी की साढे़साती मकर राशि, कुम्भ राशि और मीन राशि पर है, मकर वालों पर इसका अंतिम चरण, कुम्भ वालों पर दूसरा चरण और मीन वालों पर अभी पहला ही चरण चल रहा है। इसके साथ ही कर्क राशि और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है,इसलिए विशेष रूप से इन पांच राशियों को लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इसके अतिरिक्त जिन राशियों पर शनि की महादशा, अंर्तदशा चल रही है वह भी सतर्क रहे।

मेष :- रोगी को बीमारी से राहत मिलेगी, आपको व्यापार में मेहनत अधिक करने पड़ेगी। आर्थिक लाभ होगा, शत्रु वर्ग परास्त होंगे। इस समय कर्ज का बोझ बढ़ने की सम्भावना है। आपको समझदारी से काम लेना होगा। नौकरी में नए अवसरों की प्राप्ति हो सकती है।

वृष :- इस साल यात्रा में सावधानी बरतनी होगी, व्यापारी वर्ग को परिश्रम के बावजूद सफलता कम होगी। पिता जी के स्वास्थ्य का ध्यान रखे, विद्यार्थियों के लिए यह समय बेहद अच्छा होगा। कर्ज लेना पड़ सकता है।

मिथुन :- भूमि, दुकान, मकान सम्बन्धी विवाद होंगे। प्रॉपर्टी में लगा पैसा फंस मिल सकता है। शनि कोर्ट कचहरी में सफलता दिलवाएंगे। आर्थिक तंगी दूर होगी, दिमाग मे अच्छे विचारों के कारण मन ठीक रहेगा। धार्मिक कार्यों में मन लगेगा।

कर्क :- वैवाहिक जीवन में दिक्कतें आ सकती हैं। धन का हानि होगी, अपना एवं अपनी माता का स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना आवश्यक है। उदर पीड़ा, रक्त क्षय आदि से कष्ट हो सकता है।

सिंह :- आय से अधिक व्यय, कठिन परिश्रम करना होगा। घर में संतान का प्रवेश खुशियां लेकर आएगा। विद्यार्थी वर्ग को सफलता मिलेगी। अगर आप शेयर में पैसा लगाने के इच्छुक हैं तो इस वक़्त शेयर मार्किट में लाभ की संभावना बन रही है। शनिदेव के मार्गी होने के बाद हालत सुधरेंगे।

कन्या :- पैतृक संपत्ति से लाभ पाने की संभावना है। समय आपके अनुकूल रहेगा। रोगों से राहत मिलेगी। व्यापारी वर्ग को सफलता एवं वृद्धि होंगे नौकरी में प्रमोशन होगी। संतान को कष्ट हो सकता है।

तुला :- आपको चुनौतियों का सामना करना होगा, परिजनों से मनमुटाव होने के भी प्रबल आसार हैं। विवाहित दंपति संतान को लेकर चिंतित होंगे। धन निवेश करने से पहले अच्छे से विचार विमर्श कर लेना बेहतर रहेगा।

वृश्चिक :- माता जी की सेहत का ख्याल रखें, सुख सुविधाओं में कमी, लाभ में भी कमी रह सकती है।वैवाहिक जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। शनिवार के दिन श्रीहनुमान जी की पूजा से लाभ होगा। पारिवारिक जीवन मुश्किलों भरा हो सकता है।

धनु :- धन लाभ, सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। सेहत में लाभ मिलेगा। नौकरी के लिए समय उत्तम है।

मकर :- बुरी संगत से भी दूर रहे। दुर्व्यसनों में पड़ सकते हैं, धन व्यय के योग हैं, शत्रु से आपकी परेशानी हो सकती है, स्वयं पर भरोसा रखें।

कुंभ :- लाभ प्राप्ति के लिये अत्यधिक प्रयास करना होगा। सेहत का ध्यान रखे, बच्चों को लेकर आप चिंतित होंगे। यात्रा थोड़ा संभल कर सावधानी से करे।

मीन :- बनते कामों में विलंब हो सकता है। पैतृक सुख का अभाव भी आपको हो सकता है। मां की सेहत का ध्यान रखें। सुख-साधनों में कमी, पत्नी के साथ कम बनेगी। अत्यधिक खर्चों होगा।

आइए जाने कैसे शनि देव को प्रसन्न किया जा सकता है…
काली गाय की सेवा करने से श्री शनिदेव जी प्रसन्न होते हैं। गरीबों, असहायों को शनिवार को काला कंबल सप्तधान्य, काले वस्त्र दान करें। शनिवार को व्रत रखें, शनिदेव के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करें। इन 10 नामों से श्री शनिदेव का पूजन करें कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद व पिप्पलाद। एक कांसे की कटोरी में तिल का तेल भर कर उसमें अपना मुख देख कर और काले कपड़े में काले उड़द, सवा किलो अनाज, दो लड्डू, फल, काला कोयला और लोहे की कील रख कर डाकोत (शनि का दान लेने वाला) को दान कर दें। शनिवार या मंगलवार को हनुमानजी को चमेली के तेल का दीप जलाएं। हनुमान चालीसा का पाठ करें।

श्री शनिदेव का सरसों के तेल एवं काले तिल से अभिषेक करें। काले घोड़े की नाल का छल्ला शनिवार के दिन मध्यमा अंगुली में धारण करें। शमी वृक्ष की जड़ को विधि-विधान पूर्वक घर लेकर आयें। शनिवार के दिन श्रवण नक्षत्र में या श्री शनिदेव जी जयंती के दिन किसी योग्य विद्वान से अभिमंत्रित करवा कर काले धागे में बांधकर गले या बाजू में धारण करें। श्री शनिदेव प्रसन्न होंगे तथा शनि के कारण जितनी भी समस्यायें हैं, उनका निदान होगा। सूर्योदय से पहले पीपल की पूजा करें और पीपल के पेड़ पर तेल में लोहे की कील डालकर चढ़ाएं। रविवार को छोड़कर श्री शनिदेव जी की मूर्ति पर 43 दिन तक लगातार तेल चढांए। हर शनिवार बंदरों और कुत्तों को गुड़ और काले चने खिलाएं साथ ही श्री शनिदेव पर भी तेल के साथ काले तिल आर्पित करें, शनिवार को काले चमड़े के जूते, काले वस्त्र पहनें।

श्री शनिदेव के चमत्कारी मंत्र जिन्हें पढ़ने से हर कष्टों का अंत होता है।
(1) ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
(2) ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।
(3) कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।
(4) शनि का तंत्रोक्त मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।
किसी भी विद्वान ब्राह्मण से या स्वयं शनि के तंत्रोक्त, वैदिक मंत्रों के 23,000 जाप करें या करवाएं।

ज्योतिर्विद रत्न वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 99938 74848

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