नेतृत्व में महिलाओं की भागीदारी को सुरक्षित पंख लगाने के लिए शी बॉक्स पोर्टल मजबूत आधार
कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के प्रावधानों को शी-बॉक्स पोर्टल से त्वरित एक्शन दिखेगा- अधिवक्ता के.एस. भावनानी
अधिवक्ता किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर भारत के विजन 2047 की पूरी दुनिया में गूंज हो रही है, जो हर क्षेत्र में विकसित भारत के लिए बनाए गए रोड मैप का एक संयुक्त पत्रक है। जिसका एक महत्वपूर्ण भाग महिलाओं के नेतृत्व को आगे बढ़ना भी है, जिसके लिए यह जरूरी है कि उनके लिए राजनीतिक, सामाजिक, कार्यपालिका सहित सभी क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक सुरक्षित, संरक्षित माहौल बनाया जाए, ताकि उनके टैलेंट को पंख लगा सके परंतु ऐसा देखा गया है कि इन क्षेत्रों में महिलाओं का यौन उत्पीड़न होने की शिकायतें सामने आई तो सरकार ने इसको रेखांकित कर कार्य स्थलों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (शिकायत निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 बनाया परंतु उसके क्रियान्वयन में देरी व लीकेजेस को रेखांकित कर 29 अगस्त 2024 को एक कार्यक्रम में शी-बॉक्स पोर्टल लॉन्च किया गया था, जिसमें महिलाओं की शिकायतें दर्ज कर निगरानी करने व त्वरित कार्रवाई करने का एकीकृत प्लेटफार्म है, जिस पर सभी संबंधितों की नजर होगी, इसलिए पारदर्शिता से कार्रवाई शीघ्र होगी जो 90 दिन निर्धारित है।
इस विषय पर आज हम चर्चा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि भारत में शुरू संसद के शीत सत्र 2024 में दिनांक 4 दिसंबर 2024 को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में महिला बाल विकास कल्याण राज्यमंत्री ने उसके उत्तर में सटीक बातें कही, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, शी-बॉक्स पोर्टल महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को सुरक्षित व संरक्षित बनाने व महिला कार्यबल मिशन 2047 में मील का पत्थर साबित होगा।
साथियों बात अगर हम शी-बॉक्स पोर्टल को जानने की करें तो, कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार की तरफ से ये महत्वपूर्ण कदम है। यह पोर्टल देश में आंतरिक समितियों और स्थानीय समितियों से संबंधित सूचनाओं के लिए एक स्टोरेज के रूप में काम करेगा, जिसमें गवर्नमेंट और प्राइवेट दोनों सेक्टर होंगे। यह पोर्टल महिलाओं को शिकायत दर्ज करने, उनकी स्थिति पर निगरानी रखने तथा यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि उनकी शिकायतों का समय पर निपटारा हो, इसके लिए शिकायतों की वास्तविक समय पर निगरानी के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, जो यह सुनिश्चित करेगा कि महिला को न्याय मिल सके।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, इस पहल से कार्यस्थल से संबंधित यौन उत्पीड़न की शिकायतों का समाधान करने के लिए पहले से अधिक कुशल और सुरक्षित मंच उपलब्ध कराया जा सकेगा,यह कदम देश में महिलाओं के लिए सुरक्षित और अधिक समावेशी कामकाज का वातावरण बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ कुकृत्य के बाद ही देश में आक्रोश का माहौल है, लोग इस घटना के बाद वर्क स्पेस पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहे थे। ऐसे में सरकार वर्क स्पेस पर महिलाओं के काम करने और उनकी सुरक्षा को लेकर कई कदम उठा रही है।
साथियों बात अगर हम शी-बॉक्स पोर्टल की विधि को जानने की करें तो,
(1) विजिट वेबसाइट : सबसे पहले नोटिफिकेशन में दी गई वेबसाइट पर जाएं।
(2) रजिस्टर कंप्लेंट : होम पेज पर रेड कलर में रजिस्टर योर कंप्लेंट का ऑप्शन मिलेगा। इस पर टैप करने के बाद आप कंप्लेंट रजिस्टर्ड पेज पर पहुंच जाएंगे।
(3) शिकायत : कंप्लेंट रजिस्ट्रेशन पेज पर प्रक्रिया शुरू करने के लिए रजिस्टर कंप्लेंट करें पर टैप करें।
(4) यहां दो ऑप्शन होंगे : सेंट्रल गवर्मेंट ऑफिस और स्टेट गवर्मेंट ऑफिस, आपको सेंट्रल गवर्मेंट ऑफिस पर टैप करना है।
(5) पर्सनल डिटेल : अब आपके सामने पर्सनल डिटेल फिल करने का ऑप्शन आएगा। इसमें नाम, कॉन्टैक्ट डिटेल और इम्प्लॉयमेंट स्टेट्स, इंसीडेंट डिटेल और एविडेंस जैसी चीजें शामिल हैं।
(6) रिव्यू एंड सबमिट : एक बार ये सारी चीजें फिल करने के बाद रिव्यू एंड सबमिट का ऑप्शन आएगा। जिस पर टैप कर दें।
अब शी-बॉक्स पोर्टल के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा होगी। सरकारी और निजी संस्थानों में कार्यरत महिला कर्मी कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न सहित अन्य तरह की ज्यादती होने पर इसकी ऑनलाइन शिकायत शी-बॉक्स पोर्टल पर जाकर दर्ज करा सकती हैं। संबंधित विभाग इस पर त्वरित पहल करते हुए संबंधित संस्थान या व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई करेगा। जिला स्तर पर इसका नोडल पदाधिकारी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को बनाया गया है, जो स्थानीय स्तर पर शिकायतों का निवारण एवं आवेदन प्राप्त कर उचित कार्रवाई करेंगे।
कोई भी महिला बाल विकास मंत्रालय के वेब पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है। इस पोर्टल पर शिकायत दर्ज होने के बाद उस शिकायत को सीधे संबंधित नियोक्ता के आईसीसी/एलसीसी को भेज दिया जाएगा। इस पोर्टल के जरिए न केवल मंत्रालय, बल्कि शिकायतकर्ता भी जांच की प्रगति की निगरानी कर सकेंगी। इस पोर्टल के बारे में महिलाओं को अवगत कराने के लिए जिला प्रशासन इसका प्रचार-प्रसार करेगा।
साथियों बात अगर हम पोर्टल के उद्देश्यों को जानने की करें तो, भारत अपनी स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 की ओर बढ़ रहा है, सरकार ने महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पर महत्वपूर्ण जोर दिया है। समावेशी आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए सरकार ने एक सुरक्षित और संरक्षित वातावरण बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है जो महिलाओं को कार्यबल में सफल होने में सक्षम बनाता है।
इस प्रयास की आधारशिला है, कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013, जिसका उद्देश्य महिलाओं को यौन उत्पीड़न से बचाना और उनकी शिकायतों का समाधान करना है। हाल ही में लॉन्च किया गया शी-बॉक्स पोर्टल इस अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करता है कि शिकायतें न केवल दर्ज की जाएं बल्कि सक्रिय रूप से उनकी निगरानी भी की जाए, जिससे कार्यस्थल पर उत्पीड़न से निपटने के लिए एक मजबूत ढांचा उपलब्ध हो।
साथियों बात अगर हम 4 दिसंबर 2024 को लोकसभा में शी-बॉक्स पोर्टल संबंधी प्रश्न के लिखित उत्तर की करें तो, शी-बॉक्स पोर्टल मंत्रालय की एक पहल है, जिसका उद्देश्य देशभर में विभिन्न कार्यस्थलों पर गठित आंतरिक समितियों (आईसी) और स्थानीय समितियों (एलसी) से संबंधित सूचनाओं का सार्वजनिक रूप से उपलब्ध केंद्रीकृत संग्रह उपलब्ध कराना है, चाहे वे सरकारी हो या निजी क्षेत्र के और साथ ही एक संपूर्ण एकीकृत शिकायत निगरानी प्रणाली भी इसमें प्रत्येक कार्यस्थल के लिए एक नोडल अधिकारी को नामित करने का प्रावधान है, जिसे शिकायतों की वास्तविक समय निगरानी के लिए नियमित आधार पर डेटा/जानकारी का अद्यतन सुनिश्चित करना होता है।
शी- बॉक्स पोर्टल पर दर्ज की गई कोई भी शिकायत सीधे संबंधित कार्यस्थल के आईसी या जिले के एलसी के पास पहुंचती है, जैसा भी मामला हो पोर्टल को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह गोपनीयता बनाए रखने के लिए शिकायतकर्ता के विवरण को छुपाता है। आईसी एलसी के अध्यक्ष के अलावा कोई भी अन्य व्यक्ति दर्ज की गई शिकायत का विवरण या प्रकृति नहीं देख सकता है, के प्रावधानों के अनुसार किया गया है अधिनियम के तहत जांच के लिए 90 दिन का समय निर्धारित है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि शी-बॉक्स पोर्टल महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को सुरक्षित व संरक्षित बनाने व महिला कार्यबल विजन 2047 में मील का पत्थर साबित होगा। नेतृत्व में महिलाओं की भागीदारी को सुरक्षित पंख लगाने शी बॉक्स पोर्टल सशक्त मजबूत आधार कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के प्रावधानों को शी-बॉक्स पोर्टल से त्वरित एक्शन दिखेगा।
(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)
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