कोलकाता 1 जुलाई (निप्र.)|| इंस्टीट्यूट ऑफ़ न्यूरोसाइंस कोलकाता (आईएनके) ने मानसिक स्वास्थ्य सुविधा केंद्र ‘मोनो विज्ञान भवन’ की पहल की है। आज इसका उद्घाटन पश्चिम बंगाल की महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री माननीय डॉ. शशि पांजा द्वारा किया गया। इसे 10 वेस्ट रेंज से 7 वेस्ट रेंज में स्थानांतरित कर दिया गया है जो कि बेकबगान में बांग्लादेश उच्चायुक्त कार्यालय के अपोजिट स्तिथ है। यह भवन व्यापक, विशिष्ट और सुलभ मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए समर्पित है।
महानगर के मध्य में स्थित यह नई सुविधा समुदाय की बढ़ती मानसिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं के मद्देनज़र डिज़ाइन की गई है। यहाँ रोगी के लिए परामर्श से लेकर देखभाल तक, समग्र उपचार प्रदान करने के लिए पारंपरिक तरीकों के साथ आधुनिक चिकित्सीय प्रथाओं को एकीकृत करते हुए, सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला तैयार की गई है।
यह पहल मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों को कलंकमुक्त करने और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल को सभी के लिए सुलभ बनाने की आईएनके की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।मोनो विज्ञान भवन में मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक और अन्य संबद्ध मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर होंगे जो रिपीटिटिव ट्रांसक्रैनियल मैग्नेटिक स्टिमुलेशन (आरटीएमएस) और केटामाइन थेरेपी रूम जैसे उन्नत चिकित्सीय उपचारों सहित अत्याधुनिक मानसिक स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करेंगे। इसमें मनोचिकित्सकों, मनोवैज्ञानिकों और चिकित्सकों के साथ निजी सत्रों के लिए कई परामर्श कक्ष हैं।
ये कमरे सेवाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए नवीनतम तकनीक से लैस हैं।साथ ही यहाँ मानसिक स्वास्थ्य के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। समुदाय को जोड़ने और सहायता प्रदान करने के लिए नियमित कार्यशालाएँ सहायता समूह और शैक्षिक सेमिनार आयोजित किए जाएँगे।
इसके अतिरिक्त, यह सुविधा भविष्य के मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए एक प्रशिक्षण मैदान के रूप में काम करेगी, प्रैक्टिकल सीख का अवसर प्रदान करेगी और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के उद्देश्य से अनुसंधान पहलों में योगदान देगी।मोनो विज्ञान भवन में इंटरनेट एडिक्शन क्लिनिक, ईटिंग डिसऑर्डर क्लिनिक, ओसीडी क्लिनिक, साइको सेक्सुअल क्लिनिक और मादक द्रव्यों के सेवन और नशामुक्ति क्लिनिक जैसे विशेष क्लीनिक भी चलाए जाएंगे।
यहाँ ऑटिज्म और विकासात्मक विकारों के लिए एक समर्पित प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र होगा, जो पूर्वी भारत में अपनी तरह का पहला केंद्र होगा, जिसमें बाल मनोचिकित्सकों की देखरेख में व्यापक स्पीच थेरेपी यूनिट, बाल चिकित्सा व्यावसायिक चिकित्सा इकाई और व्यवहार चिकित्सा इकाई होगी।इस अवसर पर शशि पांजा ने कहा कि आईएनके की यह पहल सराहनीय है।
ऐसे समय में जब मानसिक विकार के मामलों में बढ़ोतरी हुई है और अनुमान के मुताबिक 4 में से 1 व्यक्ति कभी न कभी मानसिक असंतुलन के दौर से गुजरे हैं, तो यह आवश्यक हो जाता है कि मानसिक समस्याओं के निदान के लिए समर्पित रूप से प्रयास किया जाय। आईएनके हमेशा से ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते आया है जिसने इसकी विश्वसनीयता को ठोस किया है।
आज लगभग भारत के 14 % आबादी को मानसिक स्वास्थ्य के देखभाल की आवश्यकता हैं जिसमें निश्चित रूप से आईएनके की भूमिका सराहनीय होगी।
आईएनके पूर्वी भारत में न्यूरोलॉजिकल सेवाओं और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का एक अग्रणी प्रदाता है, जो व्यापक देखभाल, शिक्षा और वकालत के माध्यम से व्यक्तियों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
क्लिनिक का मिशन सहायक और चिकित्सीय वातावरण में विशेष तौर पर गोपनीय और किफायती उपचार प्रदान करना है। एक बहु-विषयक दृष्टिकोण के साथ इसमें साइकोफार्माकोलॉजी, मनोचिकित्सा, संज्ञानात्मक-व्यवहार चिकित्सा, पारिवारिक चिकित्सा और समग्र तकनीकें शामिल हैं।
मनोचिकित्सा और व्यवहार विज्ञान विभाग एक बहुविषयक न्यूरोसाइकियाट्रिक इकाई है जिसमें मनोचिकित्सक, नैदानिक मनोवैज्ञानिक और मनोरोग सामाजिक कार्यकर्ता कार्यरत हैं जो उच्च अनुभवी हैं और प्रीमियम संस्थानों से प्रशिक्षित हैं।
आई-एनके मुख्य परिसर में न्यूरोसाइकियाट्री विभाग में 20 बिस्तरों वाला अत्याधुनिक इन-पेशेंट साइकियाट्रिक विंग भी है, जिसमें सुपर स्पेशियलिटी न्यूरोकेयर सेटअप में संशोधित ईसीटी सुविधा है और यह पूर्वी भारत में एकमात्र ऐसा विभाग है। इस विभाग का नेतृत्व डॉ. प्रवीण कुमार करते हैं, जो साक्ष्य आधारित मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने में विश्वास करते हैं।
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