कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी सहित छह अन्य आरोपितों को भी जमानत नहीं मिली। उन्हें अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया था जहां से विशेष सीबीआई जज ने उन्हें और 14 दिनों तक जेल में ही रखने का आदेश दिया है। सातों लोग दो फरवरी तक जेल में ही रहेंगे। कोर्ट में पेशी के दौरान सीबीआई के अधिवक्ता ने बताया कि पार्थ बहुत प्रभावशाली नेता हैं।
इनके साथ जिन छह अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें एसएससी के सलाहकार रहे शांति प्रसाद सिन्हा, माध्यमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली, बिचौलिया प्रसन्न रॉय, प्रदीप सिंह सुबिरेश भट्टाचार्य समेत अन्य बड़े साजिश का हिस्सा रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद के दफ्तर में बैठकर रुपये का लेनदेन हुआ और सभी भ्रष्टाचार की रणनीति पार्थ चटर्जी के कहने और उनकी सहमति पर बनाई गई थी।
एजेंसी ने बताया कि वह मुख्य साजिशकर्ता हैं और वह प्रभावशाली नेता भी हैं इसलिए उन्हें जमानत नहीं मिलनी चाहिए। इधर पार्थ चटर्जी के वकील सलीम रहमान ने फिल्म जौली एलएलबी का जिक्र करते हुए कहा कि अब लगता है कि जमानत के लिए मुझे भी धरने पर बैठना होगा। उन्होंने कहा कि सीबीआई कहती है कि बड़ा षड्यंत्र रचा गया है लेकिन इसका कोई साक्ष्य नहीं देती।
कितना समय लगेगा, कितने लोगों का बयान रिकॉर्ड किया जाएगा, इस बारे में कुछ नहीं बता रही। जांच में कोई प्रगति नहीं है। हमारे मुवक्किल के घर से एक रुपये की बरामदगी नहीं हुई। नियुक्ति की जिम्मेवारी अधिकारियों की थी लेकिन हमारे मुवक्किल पर सारी जिम्मेवारी थोपने की कोशिश हो रही है। लेकिन कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया।