नए कृषि कानूनों से देश के छोटे और सीमांत किसानों को होगा सबसे ज्यादा लाभ : मोदी

बहराइच : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने तीनों नए कृषि कानूनों का बचाव करते हुए कहा कि छोटे और सीमांत किसानों को इन सुधारों का सबसे ज्यादा लाभ होगा। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर इन कानूनों के खिलाफ दुष्प्रचार करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन्होंने देश के कृषि बाजार में विदेशी कंपनियों को बुलाने के लिए कानून बनाए, वह आज देसी कंपनियों के नाम पर किसानों को डरा रहे हैं। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से महाराजा सुहेलदेव के स्मारक और चित्तौरा झील के विकास कार्य की आधारशिला रखने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि देश में अनेक ऐसे सेनानी हैं, जिनके योगदान को वह सम्मान नहीं दिया गया जिसके वे हकदार थे। नए कृषि कानूनों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा नए कृषि सुधारों का लाभ छोटे और सीमांत किसानों को सबसे अधिक हो रहा है और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में नए कानूनों के बाद जगह-जगह से किसानों के बेहतर अनुभव भी सामने आने लगे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि इन कानूनों को लेकर भांति-भांति का प्रचार करने की कोशिश हुई। उन्होंने कहा कि जिन्होंने देश के कृषि बाजार में विदेशी कंपनियों को बुलाने के लिए कानून बनाए, वह आज देसी कंपनियों के नाम पर किसानों को डरा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि नए कानूनों के लागू होने के बावजूद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में इस बार पिछले साल की तुलना में दोगुना (guna) धान खरीदा गया। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को दिक्कत नहीं हो, इसलिए उन्हें हर संभव मदद दी गई। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के करीब 2.5 करोड़ किसानों के बैंक (Bank) खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से रुपए जमा किए जा चुके हैं और राज्य में बेहतर होती आधारभूत सुविधाओं का सीधा लाभ किसानों, गरीबों, ग्रामीणों को हो रहा है। उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर छोटे किसान जिसके पास बहुत कम जमीन होती है, वे इन योजनाओं के सबसे ज्यादा लाभार्थी हैं। कृषि उत्पादक संघों के गठन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक या दो बीघा जमीन वाले करीब 500 किसान परिवार, जब संगठित होकर बाजार में उतरेंगे तो वे बड़े किसानों से भी ज्यादा ताकतवर होंगे।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देश के कई स्वतंत्रता सेनानियों को उचित सम्मान नहीं देने के लिए पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधा और कहा कि महाराजा सुहेलदेव के साथ भी यही प्रयास किया गया। इस कड़ी में उन्होंने नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा भारत के अनेक ऐसे सेनानी हैं, जिनके योगदान को अनेक वजहों से मान नहीं दिया गया। देश की 500 से ज्यादा रियासतों को एक करने का कठिन कार्य करने वाले सरदार पटेल जी के साथ क्या किया गया, इसे देश का बच्चा भी भली-भांति जानता है।

इस अवसर पर उत्‍तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ कार्यक्रम स्‍थल चित्तौरा, बहराइच में मौजूद थे। यह कार्यक्रम महाराजा सुह‍ेलदेव की जयंती के उपलक्ष्‍य में उत्‍तर प्रदेश के बहराइच में आयोजित किया गया।

इस परियोजना में महाराजा सुहेलदेव की एक अश्‍वारोही प्रतिमा की स्थापना करना और एक कैफेटेरिया, अतिथि गृह तथा बच्चों के पार्क जैसी विभिन्न पर्यटन सुविधाओं का विकास करना शामिल है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर महाराजा सुहेलदेव स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय एवं महर्षि बालार्क चिकित्सालय, बहराइच का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर महाराजा सुहेलदेव पर रचित एक गीत सुनाया गया और एक वृत्त चित्र भी दिखाया गया। मुख्यमंत्री (Chief Minister) योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के साथ प्रदेश वासियों को सुविधाएं दी जा रही हैं।

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