ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया विकसित कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा अनुमोदित किया गया है। इस वैक्सीन का इस्तेमाल अब दुनिया के सबसे गरीब देशों में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए किया जाएगा। WHO ने कोरोना के दो टीके को आपातकाल इस्तेमाल की अनुमति दी। ये दोनों ही टीके ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाए गए हैं। एक टीका को भारत की सीरम इंस्टीट्यूट बनाती है, जबकि दूसरे टीका को दक्षिण कोरिया की एस.के बायो नाम की कंपनी बनाती है। WHO के प्रमुख टेड्रोस एडहानॉम ने कहा कि, ग्रीन सिग्नल मिलने के साथ ही टीकाकरण अभियान के अंर्तगत दुनिया के कई देशों में इस वैक्सीन को दिए जाने का रास्ता खुल गया है।
टीकाकरण अभियान के तहत दुनिया के गरीब देशों को WHO के द्वारा कोरोना की वैक्सीन पहुंचाई जा रही है।इसी के मद्देनजर सोमवार को ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की दो टीकों को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी गई। WHO ने आगे बताया कि, जहां अभी तक कोरोना वैक्सीन नहीं पहुंची है वहां भी इसे पहुंचाने का काम किया जाएगा। WHO के प्रमुख ने कहा कि, भारत और दक्षिण कोरिया की दो कंपनियां एक ही टीके का उत्पादन कर रही हैं।उन्होंने आगे कहा, दोनों प्लांट अलगलगहोने के बाद भी उनकी जांच अलग अलग की जा रही है।