कोलकाता। राज्य के प्राथमिक शिक्षा स्तर पर सेमेस्टर प्रणाली शुरू करने के पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (WBBPE) के प्रस्ताव को सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खारिज कर दिया। राज्य सचिवालय नवान्न में प्रशासनिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए, उन्होंने राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु को उनसे या मुख्य सचिव मनोज पंत से परामर्श किए बिना निर्णय लेने के लिए फटकार भी लगाई।
27 दिसंबर को डब्ल्यूबीबीपीई के अध्यक्ष गौतम पॉल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेमेस्टर सिस्टम शुरू करने के फैसले की घोषणा की।
इस दौरान पॉल ने बताया कि अगले शैक्षणिक वर्ष 2025 से प्राथमिक सेक्शन में भी साल में दो बार परीक्षाएं होंगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बात पर दुख जताया कि मीडिया ने उनकी जानकारी के बिना इस फैसले की जानकारी दी और इसकी रिपोर्टिंग की।
बनर्जी ने कहा, “सभी फैसले सिर्फ कुछ सलाहकारों की सिफारिशों के आधार पर नहीं लिए जा सकते। मैं बच्चों को बोझ से मुक्त करना चाहती हूं। यह कैसे संभव है कि पहली और दूसरी कक्षा के बच्चे सेमेस्टर में भाग लेंगे?
कॉलेज स्तर की परीक्षाओं के लिए जो लागू है, वह स्कूल स्तर की परीक्षाओं में संभव नहीं है। इसलिए इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।”
ममता बनर्जी ने शिक्षा मंत्री को निर्देश दिया कि शिक्षा नीति पर कोई भी निर्णय मीडिया को बिना किसी परामर्श के न बताया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य के किसी भी विभाग द्वारा लिया गया कोई भी नीतिगत निर्णय मुख्यमंत्री कार्यालय को दरकिनार करके मीडिया को न बताया जाए।
27 दिसंबर को WBBPE ने कहा कि अगले शैक्षणिक वर्ष से, 2025 में शैक्षणिक वर्ष से प्राथमिक शिक्षा में क्रेडिट-आधारित सेमेस्टर प्रणाली लागू होगी। प्राथमिक शिक्षा स्तर पर पाठ्यक्रम को भी नई प्रणाली के अनुरूप संशोधित किया जाएगा।
WBBPE प्रमुख ने यह भी कहा कि 2025 में परीक्षाएं पुराने पाठ्यक्रम में होंगी और नया पाठ्यक्रम 2026 से प्रभावी होगा। उस दिन उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य स्कूल शिक्षा विभाग ने पहले ही बदली हुई प्रणाली को मंजूरी दे दी है।
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