तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. चंद्रचूड़ गोस्वामी के नेतृत्व में एवं आवेदन के आधार पर हिंदू महासभा राज्य चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त अपने चुनाव चिन्ह पर पंचायत चुनाव लड़ा था लेकिन परंपरा के बावजूद हिंदू महासभा के पास लोकसभा चुनाव जैसे बड़े चुनाव में हिस्सा लेने की आर्थिक क्षमता नहीं है।
इसलिए पिछले कुछ समय से डॉ. चंद्रचूड़ गोस्वामी संगठन को चलाने, चुनाव का खर्च उठाने और कुछ अनाथालयों और वृद्धाश्रमों की मदद के लिए चुनाव प्रचार के दौरान सुबह से रात तक सड़कों पर खड़े होकर चाय और शरबत बेचते रहे हैं। फिर इसे ट्रेन में पीने का पानी बेचने से जोड़ा गया।
मूल रूप से, वह जादवपुर लोकसभा क्षेत्र के भीतर चलने वाली विभिन्न ट्रेन डिब्बों में यात्रियों को ठंडा पानी बेच रहे हैं। डॉ. चंद्रचूड़ गोस्वामी पानी बेचते हुए अपनी और हिंदू महासभा की राजनीतिक स्थिति का प्रचार कर रहे हैं। उनके चुनावी संदेशों में मतुआ सहित सभी सनातनियों को बिना शर्त नागरिकता, समाज में सभी को आरक्षण की सुविधा, आदि मुद्दे उठाते हैं।
पर्यावरण विज्ञान में डॉक्टरेट गोस्वामी कहते हैं कि पीएचडी की मिलने वाली पूरी मानदेय राशि वे संगठन चलाने में खर्च कर देते हैं। इससे भी पूरा नहीं पड़ता तो पानी की बोतलें और शरबत आदि बेचते हैं I उन्होंने कहा कि कई बड़े राजनीतिक दलों के प्रस्ताव उन्हें मिल रहे हैं लेकिन उनका मन इसी में रमा है। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल की 5 सीटों पर उन्होंने उम्मीदवार खड़े किए हैं।
नेताजी के खिलाफ साजिश का पर्दाफाश नीलगंज सैन्य शिविर में आजादहिंद सेना के सेनानियों की अंग्रेजों द्वारा निर्मम हत्या, जीवन और आजीविका से धार्मिक संबंध.फूड फॉर ह्यूमैनिटी अवधारणा को बढ़ावा देने , सीमा पर कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करके गौ तस्करी को रोकना, चुनाव उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय करना ताकि वे अशिक्षित न हों।
साथ ही समाज के गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को इससे मुक्ति दिलाने इंटरनेट, मुफ़्त पीने का पानी, अठारह साल की उम्र तक निशुल्क-मुक्त शिक्षा, साठ साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए सभी सार्वजनिक और निजी अस्पतालों में निशशुल्क-मुफ्त इलाज, और विदेशी कोल्ड ड्रिंक कंपनियों द्वारा पानी की मनमानी निकासी को रोकने और एक मूक सामाजिक क्रांति पैदा करके सभी क्षेत्रों के लोगों के लिए एक सपनों का भारत बनाने पर जोर देते हैं।
“जब पूरा देश रिश्वत के पैसे से चल रहा है, तो उनका मानना है कि अवैध पैसे से लोकतंत्र खरीदने की तुलना में श्रम के पैसे से देश बनाना कहीं बेहतर है।”
गोस्वामी के मुताबिक अगर नेताजी सुभाष चंद्र बोस देशवासियों से मदद मांग सकते हैं और कह सकते हैं कि तुम मुझे खून दो और मैं तुम्हें आजादी दूंगा, तो उन्हें अपने एक छोटे से अनुयायी के रूप में लोगों के जूते पॉलिश करने में भी कोई शर्म नहीं है। बता दें की जादवपुर संसदीय क्षेत्र में निर्वाचन अंतिम चरण यानी 1 जून को है।
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