तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : खड़गपुर नगरपालिका राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी सत्यदेव शर्मा का राजनैतिक वनवास क्या नए नगरपालिका चुनाव से खत्म हो जाएगा ?? क्या शर्मा पुरानी गलतियों से पार पाते हुए अपना पुनर्वास कर पाएंगे ।
कोरोना काल में चुनावी सुगबुगाहट के बीच इस तरह के सवाल शहर के राजनैतिक माहौल में उठने लगे हैं ।
1990 से नगरपालिका राजनीति में लंबी पारी खेल चुके शर्मा की किस्मत कुछ यूं रही है कि वे खुद कभी कोई बड़ा पद तो नहीं पा सके लेकिन समीकरणों को ध्वस्त करने या दूसरों की ताजपोशी में उनकी बड़ी भूमिका रही है .
1995 नगरपालिका चुनाव में पहली बार शहर में कांग्रेस का बोर्ड बनाने में शर्मा की अहम भूमिका मानी जाती है । हालांकि बोर्ड में उन्हें कोई बड़ा पद नहीं मिल पाया . किसी एक पार्टी में शर्मा ज्यादा दिन टिक भी नहीं पाए . 2010 के नगरपालिका चुनाव में वार्ड 19 से टी एम सी के टाउन अध्यक्ष देवाशीश चौधरी को हरा कर शर्मा ने स्थानीय राजनीति के सारे समीकरण ध्वस्त कर दिए , लेकिन 2015 के पिछले चुनाव में वार्ड 17 से उन्हीं चौधरी से हार गए . उनकी पारंपरिक वार्ड 19 भी हाथ से निकल गई . तब से शर्मा एक तरह से राजनैतिक वनवास भोग रहे हैं . लेकिन उनके उत्साह का आलम यह कि वे बेचैनी से पालिका चुनाव की बाट जोह रहे हैं ।
शर्मा कहते हैं कि जनता बदलाव के मूड में है और बतौर निर्दलीय उम्मीदवार भी वे वार्ड 19 से जीतेंगे , इसकी उन्हें पूरी उम्मीद है . कई राजनैतिक दलों से उन्हें प्रस्ताव मिल रहे हैं , लेकिन उनकी इच्छा बतौर निर्दलीय ही मैदान में उतरने की है . शर्मा ने कहा कि वार्ड 12 से वे पूर्व सभासद और अपनी धर्मपत्नी मीरा देवी शर्मा को उतारेंगे । उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस चुनाव में उनका वनवास खत्म होगा और वे अपने पुराने तेवर के साथ जनता की सेवा कर पाएंगे ।