कोलकाता। अपने सामाजिक दायित्वों के प्रति सचेतनता का परिचय देते हुए कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कॉलेज की ओर से बस्तियों में अकेले रह रहे और जीवन की कठिनाइयों से जूझते लोगों को सम्मानित कर उनको उपहार प्रदान किया गया। सम्मानित होने वाले लोग इस अवसर पर काफी खुश और भावुक भी दिखे। कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज की प्राचार्या डॉ. सत्या उपाध्याय ने इस बारे में बताया कि यह इस तरह का पहला आयोजन है। हमारा कॉलेज मध्य कोलकाता में है। यहाँ बहुत सी बस्तियाँ हैं जहाँ लोग अकेले रहते हैं और जीवन से जूझ रहे हैं।
इसे देखकर मन में विचार आया कि हम अपने शिक्षण स्थानों में उच्च शिक्षा को प्रदान करते हैं परन्तु युवा पीढ़ी में सामाजिक दायित्वों का बोध भी होना चाहिए और इसके लिए ‘सत्क्रिया’ कार्यक्रम आयोजित किया गया है। युवाओं में अभिभावकों के प्रति समर्पण और देखरेख के प्रति जागरूकता लाने के लिए हमने शिक्षिकाओं एवं छात्राओं के माध्यम से स्थिति को समझने के लिए एक सर्वेक्षण करवाया। इस सर्वेक्षण के बाद 10 परिवारों को चुना गया जिसमें स्त्री और पुरुष, दोनों हैं। इनको हमने सम्मानित किया और छोटा सा उपहार दिया। इस अवसर पर कॉलेज के संचालन में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कर्मियों को भी सम्मानित किया गया।
हमने इनको प्रतिश्रुति दी है कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन होंगे और जब भी इनको सहायता की जरूरत होगी, भविष्य में इन लोगों को कॉलेज की सीजीसी सहारा, आईक्यूएसी और एनएसएस द्वारा यह सहायता प्रदान की जाएगी। इस सर्वेक्षण को करने और आयोजन को सफल बनाने में सीजीसी सहारा की संयोजक संचिता दत्ता, आईक्यूएसी शाखा की संयोजक सुपर्णा भट्टाचार्य और एनएसएस के संयोजक प्रेम कुमार घोष एवं शिक्षिका श्रद्धा सलोनी के अतिरिक्त कॉलेज की छात्राओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।