तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : झाड़ग्राम जिले के सांकराइल ब्लॉक स्थित हरिपुरा प्राइमरी स्कूल का दो दिवसीय शताब्दी समारोह सोमवार की सुबह शुरू हुआ। सुबह मुख्य कार्यक्रम शुरू होने से पहले, धामसा, मादल, रणपा, मुखौटा नृत्य, कलसिमाथा नृत्य, एनसीसी परेड की वेशभूषा में सजे विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों के साथ के साथ रंगारंग जुलूस ने हरिपुरा सहित तीन अन्य गांवों के सीमाओं की परिक्रमा की।
जुलूस के अंत में उपस्थित अतिथियों द्वारा विद्यालय के शताब्दी चिन्ह का अनावरण, राष्ट्रीय ध्वज फहराकर, शताब्दी ध्वज फहराकर तथा एक सौ दीप जलाकर विद्यालय के शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया गया।
उद्घाटन चरण में, स्कूल परिसर में स्कूल के दिग्गज कालीचरण पालोई, पंडित ईश्वरचंद्र विद्यासागर, विश्व कवि रवींद्रनाथ टैगोर और शहीद खुदीराम बोस की प्रतिमाओं का अनावरण किया गया। भूमिदाता परिवार के सदस्य गोलोकबिहारी पालोई ने प्राणपुरुष कालीचरण पालोई की प्रतिमा का अनावरण किया। अतिथियों ने संतों की प्रतिमाओं का अनावरण किया।
झाड़ग्राम जिला विद्यालय निरीक्षक (माध्यमिक) शक्ति भूषण गंगोपाध्याय ने शताब्दी समारोह महोत्सव का आधिकारिक उद्घाटन किया। उद्घाटन सत्र के बाद शताब्दी समारोह समिति के अध्यक्ष नित्यानंद पालोई ने मुख्य मंच पर अपने स्वागत भाषण में दर्शकों का स्वागत करने के साथ-साथ विद्यालयगढ़ के इतिहास पर भी संक्षिप्त चर्चा कीI
अपने भाषण में उन्होंने विद्यालय के जीवन कालीचरण पालोई के विद्यालय की प्रगति में योगदान का विशेष रूप से उल्लेख किया। पूर्व डीआई और प्रमुख लोक संस्कृति शोधकर्ता डॉ..मधुप डे, झाड़ग्राम जिला परिषद पार्टी के नेता कमलाकांत राउत, जिला परिषद के शिक्षा अधिकारी सुमन साहू, सांकराइल पंचायत समिति के अध्यक्ष झुनु बेरा, अवर विद्यालय निरीक्षक रंजीत सोरेन, रोहिणी हाई स्कूल के हेडमास्टर गौरांग घोष,
शिक्षा प्रेमी सर्वेश्वर.महापात्रा, अरुण गिरि, प्रदीप कुमार माईती, सुदीप कुमार खांडा, स्कूल के पूर्व शिक्षक और अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे । शताब्दी समारोह समिति के संयुक्त संयोजक और हरिपुरा प्राथमिक और उच्च प्राथमिक के दो प्रधान शिक्षक सुतीप प्रमाणिक और संजय कुमार घोराई, शताब्दी समारोह समिति के सचिव गोलक बिहारी पालोई, स्कूल के अध्यक्ष गौरचंद्र बारिक भी उपस्थित थेI
अतिथियों की उपस्थिति में शताब्दी स्मृति पत्रिका ‘पारशमणि’ का प्रकाशन किया गया। पूरे दिन विद्यालय के वर्तमान एवं पूर्व छात्र-छात्राओं द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया I
भूमि दानदाताओं और मूर्ति दानदाताओं के परिवार के सदस्यों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया । दोपहर में शिक्षा पर विचार गोष्ठी हुई। शाम को सूचना संस्कृति विभाग के कलाकारों एवं अन्य आमंत्रित कलाकारों ने नाटक सहित रोचक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए I
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