संदेशखाली मामला : सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार को दिया झटका, खारिज की याचिका

कोलकाता/नयी दिल्ली। पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले की CBI जांच के खिलाफ ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (8 जुलाई) को याचिका खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने महीनों से संदेशखाली मामले पर एक्शन नहीं लिया।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को खुद से संज्ञान लेते हुए संदेशखाली केस की जांच CBI को सौंपी थी। पश्चिम बंगाल सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, इस पर 29 अप्रैल को भी सुनवाई हुई थी।

उस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया था कि किसी निजी शख्स के हितों की रक्षा करने के लिए राज्य सरकार ने याचिका क्यों लगाई है। इसके बाद कोर्ट ने कहा था कि मामले को चुनाव के बाद जुलाई में सुनेंगे।

आज जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच के सामने पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। उन्होंने बताया कि 43 FIR की जांच के लिए व्यापक निर्देश दिए गए हैं। जिनमें राशन घोटाला भी शामिल है।

इस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संदेशखाली को लेकर महीनों तक राज्य सरकार ने कुछ नहीं किया। राज्य सरकार किसी एक शख्स को बचाने की कोशिश क्यों कर रही है। हम याचिका को खारिज करते हैं।

संदेशखाली की महिलाओं ने TMC नेताओं पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। इस केस का मुख्य आरोपी शेख शाहजहां है। उसे बंगाल पुलिस ने 29 फरवरी को गिरफ्तार किया था।

इससे पहले 25 अप्रैल को कलकत्ता HC के आदेश के बाद CBI ने पहली FIR दर्ज की थी। इसमें 5 मुख्य आरोपियों के नाम शामिल हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को संदेशखाली मामले की जांच CBI को सौंप दी थी। अपने आदेश में कहा था कि CBI कोर्ट की निगरानी में जांच करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी।

संदेशखाली की महिलाओं ने 8 फरवरी को तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं पर यौन उत्पीड़न और जबरन जमीन कब्जाने का आरोप लगाया था। मामले में 3 आरोपी शाहजहां शेख, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार 13 मई तक कस्टडी में हैं।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

two × one =