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प्रयागराजः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा महाकुंभ को ‘मृत्युकुंभ’ बताने वाले बयान पर संतों में काफी नाराजगी है। जगतगुरु संतोष दास सतुआ बाबा ने इस बयान की निंदा की है।
जगतगुरु संतोष दास सतुआ बाबा ने कहा, “ममता बनर्जी देश में रहते हुए भी भारत विरोधी मानसिकता का जीता-जागता उदाहरण हैं। वह पाकिस्तान के लिए कार्य कर रही हैं। जब से वह सत्ता पर काबिज हुई हैं, तब से भारत और बंगाल के लोगों के साथ छल-कपट के साथ उन्होंने काम किया है।
उन्होंने कहा कि ममता नहीं जानती हैं कि महाकुंभ कैसे होता है। उनके बयान से लगता है कि वह भारत में रहने लायक नहीं हैं। ममता बनर्जी सिर्फ तुष्टीकरण की राजनीति कर रही हैं। उन्हें किसी के सुख-दुख से मतलब नहीं है। उन्हें जानकारी होनी चाहिए कि महाकुंभ अनादिकाल से चला आ रहा है। मगर वह कहती हैं कि महाकुंभ ‘मृत्यु कुंभ’ है।
उनकी यह भाषा गलत है। जगतगुरु संतोष दास सतुआ बाबा ने महाकुंभ का जिक्र करते हुए कहा कि दुनियाभर से लोग महापर्व में शामिल होने के लिए लाखों की संख्या में आ रहे हैं। वहां जो घटना घटी है, उस पर संत समाज और भारत के लोग दुखी हैं। मगर जिस तरह से राजनीतिक दल सियासत कर रहे हैं, वह सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी, हिंदू होकर भी मुसलमानों के लिए काम करती हैं। उनका हेड ऑफिस पाकिस्तान से कंट्रोल होता है। उन्हें ऐसे शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए। अखिलेश यादव भी हिंदू की चादर पहनकर मुसलमानों को वोट के लिए इस्तेमाल करते हैं।
वहीं, छोटा अखाड़ा मैहर के महंत गंगा शरण महाराज ने ममता बनर्जी के बयान पर कहा, “महाकुंभ मेले को जिस तरह से राजनीतिक रूप दिया जा रहा है, वह गलत है।
ममता बनर्जी की टिप्पणी निंदनीय है और जो लोग भी ऐसे बयान दे रहे हैं, उन्हें अपना धर्म परिवर्तन कर लेना चाहिए। मैं यही कहूंगा कि ममता बनर्जी को हाथ जोड़कर सभी सनातनियों से माफी मांगनी चाहिए।”
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