कोलकाता। साहित्य अकादेमी के क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता द्वारा ‘साहित्य मंच’ के अंतर्गत “धर्म, नीति एवं मानव मूल्य” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह व्याख्यान श्रीलंका निवासी प्रख्यात बौद्ध विद्वान प्रोफेसर असंग तिलकरत्ने द्वारा दिया गया, जिन्हें साहित्य अकादेमी द्वारा आनंद कुमार स्वामी फेलोशिप प्रदान किया गया है। आरंभ में अकादेमी के क्षेत्रीय सचिव देवेंद्र कुमार देवेश ने औपचारिक स्वागत करते हुए प्रोफेसर तिलकरत्ने का संक्षिप्त परिचय दिया और अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ प्रदान कर उनका अभिनंदन किया।
अपने व्याख्यान में उन्होंने कहा कि सामान्य धारणा है कि धार्मिक व्यक्ति नैतिक भी होगा। लेकिन यह जरूरी नहीं है। बुद्ध को संदर्भित करते हुए उन्होंने कहा कि बुद्ध ने इस धारणा को चुनौती दी है। उनके अनुसार ईश्वर को न मानने वाला व्यक्ति भी नैतिक और अच्छा हो सकता है। वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि धर्म, नीति और मानवीय मूल्यों के बीच के पार्थक्य को समझना आज की आवश्यकता है। व्याख्यान के बाद उन्होंने श्रोताओं से संवाद भी किया।
कार्यक्रम में चिन्मय गुह, विद्यानंद झा, गोपा दत्त भौमिक, अभीक मजुमदार, मधुमिता चट्टोपाध्याय, श्यामल भट्टाचार्य, गौतम सेनगुप्त, मैत्रेयी दत्त, शोभन तरफदार, सुमित कुमार बरुआ, टी.जी. भित्रकोटि सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्ध श्रोता उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन अकादेमी के सहायक संपादक क्षेत्रवासी नायक द्वारा किया गया।