कोलकाता। इतिहास गवाह रहा है कि बंगाल में जब-जब चुनाव हुए हैं, तब-तब वहां बवाल हुए हैं। लोकसभा से लेकर विधानसभा…नगर निगम से लेकर पंचायत…हर चुनाव में वहां बवाल जरूर हुए हैं…वहीं अब जब बंगाल में पंचायत चुनाव की तारीख मुकर्रर हो चुकी है, तो मौजूदा स्थिति कुछ ऐसी ही है। पंचायत चुनाव के मद्देनजर बंगाल में शुरू हुआ बवाल का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। टीएमसी और बीजेपी के बीच खूनी संघर्ष जारी है। इस संघर्ष की जद में आकर अब तक कई लोगों को अपनी गंवानी पड़ी है।
वहीं, अब ताजा मामला उत्तरी दिनाजपुर से सामने आया है, जहां नामांकन दाखिल करने जा रहे तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जिनमें से एक को मृत घोषित कर दिया गया
है। उधर, इस खूनी संघर्ष को लेकर अब सूबे में सियासत और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो चुका है। इस पूरी घटना पर सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि यह एक सोची समझी साजिश है।
जिसे टीएमसी ने अंजाम दिया है। बहुधा चुनाव के समय टीएमसी बंगाल की भूमि को रक्तरंजित कर देती है। वहीं, इन आरोपों को टीएमसी की ओर से खारिज कर दिया गया है। बता दें कि आगामी 8 जुलाई को प्रदेश में पंचायत चुनाव होने
हैं। वहीं, माना जा रहा है कि अतिशीघ्र ही टीएमसी की ओर से इस संदर्भ में कोलकाता हाईकोर्ट में एक समीक्षा याचिका दाखिल की जाएगी।
बंगाल में आगामी पंचायत चुनाव को ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है, लेकिन कुछ शरारती तत्व इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को भी चकमा देकर अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे जा रहे हैं, जिसकी जांच अनिवार्य है। इसके अलावा इस बवाल की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।