2024 तक संगठन विस्तार पर जोर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का
कोलकता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने अपने तीन दिवसीय पश्चिम बंगाल दौरे के दौरान गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को उजागर करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही साल 2024 तक संगठन के विस्तार को लेकर मास्टर प्लान बनाया। डॉ. भागवत ने संगठन के पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की है। मंगलवार उन्होंने 2025 में संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्णाहुति को ध्यान में रखते हुए 2024 तक पश्चिम बंगाल समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में संगठन के विस्तार पर जोर दिया है। बुधवार की शाम को वह रायपुर के लिए रवाना हो जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि बंगाल दौरे के दौरान संघ प्रमुख कोलकाता के अभेदानंद रोड स्थित संघ मुख्यालय केशव भवन में ठहरे डॉक्टर भागवत ने दिन के समय संगठन के विभिन्न स्तर के पदाधिकारियों के साथ अहम रणनीतिक बैठक की जिसमें संघ की शाखाओं के विस्तार पर बात हुई है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के सामाजिक और आर्थिक विकास को लेकर भी काम करने का निर्देश उन्होंने दिया है। साथ ही नैतिकता आधारित सामाजिक व्यवस्था विकसित करने में संघ की भूमिका बढ़ाने का निर्देश भी सरसंघचालक ने दिया है। इसके अलावा आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर मनाए जा रहे अमृत महोत्सव की कड़ी में 1905 से लेकर आजादी तक के गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों की सूची बनाकर उनके योगदान को उजागर करने की रणनीति बनाई गई है।
मंगलवार शाम तक संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद उन्होंने देर शाम राज्य के 350 प्रबुद्ध नागरिकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की है। इसमें संगीतकार से लेकर साहित्यकार, अर्थशास्त्री, प्रोफेसर, शिक्षक समेत समाज के प्रबुद्ध वर्ग से जुड़े हर स्तर के लोग शामिल हुए हैं। इस बैठक में भी संघ प्रमुख ने राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान के साथ-साथ राष्ट्रवाद केंद्रित समाज विकसित करने में इन प्रबुद्ध जनों के साथ का आह्वान किया है।
आज बुधवार को सुबह से ही डॉक्टर भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठनों जैसे भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, वनवासी कल्याण आश्रम जैसे संगठनों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में भी उन्हीं विषयों पर बात होगी जिन विषयों पर मंगलवार को संघ के पदाधिकारियों और प्रबुद्ध जनों से चर्चा हुई है। मुख्य रूप से 2024 तक पश्चिम बंगाल समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में संघ की शाखाओं के व्यापक विस्तार पर बात होनी है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में बंगाल में संघ की करीब 2200 शाखाएं लगती है। संघ के सूत्रों ने बताया है कि 2024 तक इसे बढ़ाकर आठ हजार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ताकि राज्य के सामाजिक आर्थिक विकास में स्वयंसेवक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।