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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस में ममता बनर्जी के उत्तराधिकारी के तौर पर अभिषेक बनर्जी का उदय साफ दिखने लगा है। राष्ट्रीय राजनीति में पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के साथ हर जगह उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी के बाद अब 21 जुलाई को होने वाले शहीद दिवस कार्यक्रम में भी केवल अभिषेक बनर्जी की तस्वीर को ममता के साथ लगाने का निर्देश दिया गया है। तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने बताया है कि पार्टी की कार्यकारिणी समिति ने सभी जिलों को इसके निर्देश दिए हैं।
इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि राज्य भर में शहीद दिवस कार्यक्रम के लिए जो बैनर पोस्टर तैयार किए जाएंगे उसमें ममता बनर्जी के साथ केवल अभिषेक बनर्जी की तस्वीर लगेगी। दूसरे किसी भी नेता की तस्वीर लगाने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा एक सीडी तैयार करके प्रत्येक जिले में भेजी गई है। उसी के मुताबिक दीवार लेखन भी करना है और बैनर पोस्टर भी बनवाना है। प्रत्येक बूथ क्षेत्र में कम से कम दो जगह दीवार लेखन होना है।
जिला नेतृत्व को यह निर्देश दिया गया है कि जो भी गतिविधियां शहीद दिवस कार्यक्रम को केंद्रित कर होंगी उसकी पूरी रिपोर्ट राज्य नेतृत्व को भेजनी है। हालांकि इस बात के निर्देश साफ तौर पर दिए गए हैं कि बैनर पोस्टर अथवा दीवार लेखन में कहीं भी ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के अलावा किसी और का नाम या तस्वीर नहीं देना है। बहरहाल सांगठनिक केंद्र का नाम लिखा जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि 1998 में कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस की स्थापना के समय से ममता बनर्जी के साथ रहे पार्टी के कई नेता इस बात को लेकर पहले नाराजगी जताते रहे हैं कि पार्टी में अभिषेक बनर्जी को ज्यादा अहमियत मिल रही है। ममता बनर्जी पर भी परिवारवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगते हैं। इसी वजह से उनके बेहद खास सहयोगी रहे शुभेंदु अधिकारी भी तृणमूल छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में आए हैं।
एक दौर में ममता बनर्जी के लिए छाया की तरह रहने वाले मुकुल रॉय ने भी तृणमूल कांग्रेस अभिषेक बनर्जी की अहमियत बढ़ने की वजह से ही छोड़ दी थी। हालांकि बाद में वह तृणमूल में लौट गए थे लेकिन हाल ही में एक बार फिर वह दिल्ली गए थे और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मिलने के बाद तृणमूल के खिलाफ बयान दिया था।