शिमला। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव सत्तारूढ़ भारतीय जनता (भाजपा) और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा का मुद्दा बना हुआ है। इसी वजह से पार्टी ने गुरुवार की देर रात बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र से नड्डा के वफादार माने जाने वाले त्रिलोक जामवाल के खिलाफ बगावत करने वाले नेता को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। पार्टी की ओर से देर रात यहां जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि जामवाड़ के खिलाफ बगावत करने वाले सुभाष शर्मा को पार्टी निष्कासित करने का फैसला लिया गया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने राज्य कार्यकारिणी सदस्य शर्मा को छह साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया और कहा कि यह “ पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ एक निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने के कारण तत्काल प्रभाव से” लागू होगा।
ग्राउंड रिपोर्ट से पता चला है कि बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है, क्योंकि नड्डा और पार्टी आलाकमान विद्रोही को शांत नहीं करा सके। प्रदेश में पार्टी को अभी तक 19 ऐसी सीटों पर विद्रोहियों के कारण खतरा का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में 12 नवंबर को मतदान होने वाला है और पार्टी को टिकटों के वितरण से असंतुष्ट उम्मीदवारों के विद्रोह का सामना करना पड़ रहा है।