ऊंचाइयों तक पहुंचना और लक्ष्य का दावा ही मेरे प्रयासों की प्रेरणा शक्ति रही है… श्रुति

राज कुमार गुप्त, कोलकाता : पश्चिम बंगाल के ज्यादातर मेधावी छात्रों का और उनके अभिभावकों का भी हमेशा से अपने बच्चों को डॉक्टर या इंजीनियर बनाने का शौक रहा है और इसमे कामयाब भी रहे हैं।अतः10वीं यानी माध्यमिक का परीक्षाफल निकलते ही 90% से ऊपर आने पर ज्यादातर WBSE बोर्ड वाले छात्र/छात्रा 11वीं में बायोसाइंस या प्योरसाइंस में भर्ती लेने की होड़ लगाते हैं, जबकि ICSC या CBSC बोर्ड वालों को 9वीं कक्षा से सी निर्णय कर लेना पड़ता है। तो आइए आज आपको पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के श्यामनगर की रहने वाली St. Augustine’s Day School की बचपन से ही मेघावी छात्रा श्रुति चाकी (Shruti Chaki) से मिलवाते हैं। जिसने कक्षा 9वीं में ही लीक से हट कर यानी डॉक्टर या इंजीनियर बनने के बदले IAS ऑफिसर बनने के लिए आर्ट्स विषय की पढ़ाई करना पसंद किया, जबकि स्कूल में सभी का काफी दबाव था उस पर साइन्स लेने की।

जबकी माता पिता ने बिना किसी दबाव के श्रुति के निर्णय को अपना पूरा समर्थन दिया। उसने साल 2020 में 10वीं की परीक्षा 97.4% से उतीर्ण किया था एवं स्कूल में टॉपर रही। अभी उसी स्कूल से हायर सेकंडरी की पढ़ाई कर रही है और 11वीं की छात्रा है। श्रुति का कहना है कि “हमेशा से ऊंचाइयों तक पहुंचना और लक्ष्य का दावा ही मेरे प्रयासों की प्रेरणा शक्ति रही है।” मैं IAS ऑफिसर बन कर अपने देश की सेवा करना चाहती हूँ और यह मेरा सपना है। चुकी शुरू से ही इतिहास मेरा एक प्रिय विषय रहा है अतः मैं आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया भी जॉइन करना चाहूँगी, अतः मैं आर्ट्स लेकर पढ़ाई कर रहीं हूँ। उसके परिवार वालों का भी कहना है कि वह बचपन से ही जिस लगन और प्रतिबद्धता के साथ अपनी पढ़ाई कर रही है एक दिन अपने लक्ष्य को जरूर प्राप्त करेगी। हम सभी की भी यही प्रार्थना है कि श्रुति अपने लक्ष्य में शानदार सफलता हासिल करे।

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