आजाद हूँ आज़ाद ही रहूंगा
स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है
कोलकाता। रविवार 23 जुलाई की संध्या, महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद व लोकमान्य तिलक की जयंती तथा मातृ-पितृ दिवस के उपलक्ष्य में, राष्ट्रीय कवि संगम की उत्तर कोलकाता इकाई ने, संस्था के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. गिरधर राय की अध्यक्षता में, एक अभूतपूर्व आभासी काव्य गोष्ठी का सफल आयोजन किया, जिसमें संयोजन एवं संचालन का भार सम्भाला नवनिर्वाचित जिला मंत्री कामायनी संजय ने। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रांतीय महामंत्री राम पुकार सिंह एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रांतीय मंत्री बलवंत सिंह गौतम थे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ जिला अध्यक्ष डॉ. अनिरुद्ध प्रसाद राय के स्वागत भाषण एवं आलोक चौधरी की सुमधुर सरस्वती वन्दना के साथ। तत्पश्चात पटल पर उपस्थित सभी कलमकारों ने चंद्रशेखर आजाद, लोकमान्य तिलक एवं माता-पिता को समर्पित, अपनी-अपनी उत्कृष्ट रचनाएँ प्रस्तुत कर, कार्यक्रम को यादगार बना दिया। जिन रचनाकारों ने काव्य पाठ प्रस्तुत किया उनके नाम हैं- राज कुमार राय, अनन्या राय (दिल्ली), सत्या झा, रामाकांत सिन्हा, हिमाद्री मिश्रा, स्वागता बसु, सीमा सिंह, सुषमा राय पटेल, आलोक चौधरी, नीतू कानोडिया, ताराचंद कागाजी, त्रिभुवन प्रसाद, जयप्रकाश पांडे, अनिरुद्ध राय एवं राम पुकार सिंह।
इन सभी रचनाधर्मियों की प्रस्तुति के पश्चात्, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. गिरिधर राय ने अपनी चिर परिचित कविता– मेरा क्या मैं तो ऐसे ही गीत सुनाऊंगा, प्रस्तुत कर सभी के ह्रदय को छू लिया| पटल पर श्रोताओं के रूप में सुरेश चौधरी, मनोरमा झा, कंचन राय, श्वेता गुप्ता श्वेताम्बरी, नीलम मिश्रा, सत्यम मिश्रा, उमा राय, शुभम राय, अदिति राय, नितेश राय, प्राची पांडे, श्याम बिहारी पांडे, अवधेश ओझा, संजीवनी शाह, दिनेश ठाकुर एवं ओजस्विता सिंह सहित अनेक सुधीजन भी उपस्थित रहे। काव्य गोष्ठी की यह अपूर्व संध्या जिला अध्यक्ष अनिरुद्ध प्रसाद राय द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ सुसंपन्न हुई।