रांची जमीन घोटाला | कोलकाता में दर्ज जमीन घोटाला केस को जांचेगी ईडी

कोलकाता। रांची जमीन घोटाले में ईडी अब नए तथ्यों पर काम करेगी। रांची के वैसे आपराधिक गिरोह जो कोलकाता जाकर कागजों की हेराफेर कराते थे, उनके खिलाफ अब नए सिरे से जांच होगी। दरअसल कोलकाता में भी रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस ने अपने कार्यालय की जांच कराई तो पाया कि वहां कई कागजों में हेरफेर की गई है। कई दस्तावेज गायब किए गए हैं। ऐसे में रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस ने जांच के बाद एफआईआर दर्ज कराई है।

इस केस के दर्ज होने के बाद रांची के ईडी जोनल कार्यालय ने अब उस केस को टेकओवर करने का फैसला लिया है। वर्तमान में सदर और बरियातू थाने में दर्ज केस के आधार पर ईडी की टीम ने ईसीआईआर दर्ज कर जमीन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। अब कोलकाता में दर्ज केस में भी ईडी ने ईसीआईआर दर्ज करने का फैसला लिया है।

सेना जमीन मामले से जुड़े कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस से लिए गए 1932 के डीड में गवाह का पता भोजपुर अंकित है। जबकि हकीकत यह है कि उस समय भोजपुर जिला अस्तित्व में नहीं था। उस समय शाहाबाद जिले के नाम से भोजपुरा रोहतास को जाना जाता था। वहीं प्रदीप बागची ने अपने पते में पश्चिम बंगाल का जिक्र किया है लेकिन विभाजन के बाद बंगाल को पश्चिम बंगाल कहा जाने लगा।

रजिस्टार आफ एश्योरेंस ऑफिस में गड़बड़ी के मामले में ईडी ने एडिशनल रजिस्ट्रार त्रिदीप मिश्रा से पूछताछ की थी। पूछताछ के बाद ईडी की फॉरेंसिक रिपोर्ट में गड़बड़ी सामने आने के बाद कोलकाता की आईजी रजिस्ट्रार ने इस मामले में टीम गठित कर जांच कराई थी। टीम ने कोलकाता के रजिस्ट्री ऑफिस तथा रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के कागजातों का मिलान कराया तो फर्जीवाड़ा सामने आया।

सेना की बरियातू स्थित 4.55 एकड़ जमीन व चेशायर होम रोड की 1 एकड़ जमीन में छेड़छाड़ की पुष्टि भी जांच में सामने आई। इसके बाद कई धाराओं में आपराधिक केस दर्ज किया गया। एश्योरेंस आफ रजिस्ट्रार ने रांची की कई जमीनों की जांच में भी गड़बड़ी पाई है। ऐसे में उन सारे लोगों के खिलाफ आगे ईडी का शिकंजा कस सकता है, जिन्होंने जमीन की खरीद बिक्री फर्जी दस्तावेजों के आधार पर की है।

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