कोलकाता : विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं में हिन्दी में सर्वोत्कृष्ट अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को दिया जाने वाला ‘रामअवतार गुप्त प्रोत्साहन 2021’ आयोजित किया। अपनी तरह का यह एकमात्र पुरस्कार है जहाँ हिन्दी के प्राप्त अंकों के आधार पर विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाता है और इसका उद्देश्य हिन्दी के प्रति युवाओं में रुचि उत्पन्न करना है। कोरोनाकालीन परिस्थितियों को देखते हुए 16वाँ रामअवतार गुप्त प्रोत्साहन हिन्दुस्तान क्लब प्रांगण में किया गया था।
पहली बार सिलीगुड़ी और दक्षिण बंगाल में भी यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। महामारी के कारण शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन आआ है। बंद पड़े शिक्षण संस्थानों में इस समय शिक्षा आभासी यानी ऑनलाइन माध्यमों से दी जा रही है। कोविड -19 के दौरान उत्पन्न हुई परिस्थितियों को देखते हुए सभी आवश्यक नियमों का पालन कार्यक्रम में किया गया।
पुरस्कार समारोह में विभिन्न बोर्डों (सीआईएससीई, सीबीएसई और माध्यमिक) के 30 छात्रों को सम्मानित किया गया। इन 30 छात्रों को 5000 प्रविष्टियों में से उनके हिन्दी में प्राप्त अंकों के साथ-साथ अतिरिक्त पाठ्यचर्या के आधार पर चुना गया था और हमारे निर्णायकों द्वारा इनका आकलन किया गया था। सीआईएससीई, सीबीएसई और माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक बोर्ड में पुरस्कार प्राप्त करने वालों में 13 चयनित प्रतिभागी अपने स्कूल के टॉपर थे।
इनमें से प्रत्येक बोर्ड के प्रथम तथा द्वितीय टॉपर्स को सन्मार्ग फाउंडेशन की तरफ से स्कॉलरशिप यानी छात्रवृत्ति प्रदान की गयी। शिक्षण संस्थानों के परिसरों में कक्षाएँ लेना सम्भव नहीं हो पा रहा है इसलिए स्मार्टफोन और कम्प्यूटर से वंचित विद्यार्थियों को टैब प्रदान किया गया।