तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : जनहित के लिए रेलवे को जमीन दी जाती है । यदि महकमा इसका उपयोग नहीं कर पाता तो उस पर जनता का अधिकार हो जाता है । यह किसी की बपौती नहीं है। यह बात माकपा के वरिष्ठ नेता व पोलित ब्यूरो सदस्य मोहम्मद सलीम ने कही। साफ पानी उपलब्ध कराने और अविलंब नगरपालिका चुनाव कराने समेत अन्यान्य मांगों को लेकर खड़गपुर नगरपालिका भवन के सामने किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने ये बातें कही । माकपा, भाकपा और कांग्रेस की ओर से किए गए इस प्रदर्शन के दौरान उपस्थित अन्यान्य नेताओं में भाकपा के संतोष राणा व विप्लव भट , माकपा के अनित बरण मंडल और कांग्रेस नेता अमल दास तथा मधु कामी आदि शामिल रहे । अपने वक्तव्य में सलीम ने कहा कि केंद्र सरकार स्वच्छ भारत और राज्य सरकार निर्मल बांग्ला का राग अलापती है, लेकिन हकीकत में सफाई के लिए लोगों को इस प्रकार विरोध प्रदर्शन करना पड़ता है । कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से घरों में रहने की अपील की थी । लेकिन जिनके घर ही नहीं है , वे क्या करें। सरकारों की आवास योजना भ्रष्टाचार का बड़ा केंद्र है। बगैर नेताओं को घूस दिए किसी को आवास नहीं मिलता।
अम्फान तूफान में जिन गरीबों के मकान क्षतिग्रस्त हुए, उनके मुआवजे की रकम तृणमूल कांग्रेस नेताओं ने खा लिया और डकार भी नहीं ली । केंद्र सरकार कहती है आवास योजना का लाभ उसी को मिलेगा जिसके पास जमीन होगी । लेकिन वाममोर्चा का मानना है कि मकान जिसका , जमीन उसकी । जिसके कंधे पर हल , खेत उसका । जमीन किसी की बपौती नहीं हो सकती। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्होंने टीएमसी और भाजपा दोनों को मौसेरा भाई करार दिया । उन्होंने कहा कि शारदा कांड पर भाजपा पहले भाग मुकुल भाग … कहती थी , वहीं मुकुल आज भाजपा में है । दरअसल भाजपा नेता भाग नहीं भाग यानी अपने हिस्से की बात कर रहे थे ।