Kolkata Hindi News: भारत में आपने ट्रेन और बस, दोनों का ही सफर किया है लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि यदि ट्रेन और बस को मिला दिया जाए, तो क्या बन सकता है। क्या सोच रहे हैं, हम बात कर रहे हैं रेल बस की। जी हां रेल बस। रेलबस (RAILBUS) का निर्माण ट्रेन और बस को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
यह अन्य ट्रेन की तरह लंबी होने के बजाय सिर्फ एक कोच जितनी होती है। रेलबस में बोगी के ऊपर बस की तरह कोच को फिट किया जाता है, जिसके बाद रेलबस तैयार हो जाती है।
इसमें दोनों तरफ लोको-पायलट केबिन होते हैं, जिससे रेलबस का संचालन किया जाता है। वहीं, यात्रियों के चढ़ने और उतरने के लिए दो गेट की सुविधा दी जाती है।
रेल बस भविष्य में अगला सार्वजनिक परिवहन बनकर उभरेगी, जो पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डाले बिना रेल बस परिवहन के आने वाले युग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। भारत के कई शहरों में इसका संचालन किया जाता है।
यह न केवल हरित ऊर्जा से संचालित होती है बल्कि लोगों की यात्रा को अधिक सुगम और सुविधाजनक भी बनाती है। दुनिया के कई देशों ने इसे क्रियान्वित करने के लिए सकारात्मक कदम उठाए हैं। जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक समस्या से जूझने और दैनिक जीवन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
रेलबस का इतिहास 1925 में हंगरी से शुरू हुआ था, जहां इसे लोकल यात्रियों के लिए चलाया गया था। इसके बाद 1930 में यह दुनिया के अलग-अलग हिस्सों तक तेजी से फैल गई। भारत में भी इसके चलने पर रेलयात्रियों ने इसे खूब पसंद किया था।
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