साहित्यिक संस्था “नव सृजन : एक सोंच” एवं पोथी-बस्ता” की टीम ने आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज जघन्य प्रकरण के विरोध में परिचर्चा के माध्यम से किया विरोध दर्ज
कोलकाता। साहित्यिक संस्था “नव सृजन : एक सोंच और “पोथी-बस्ता” के संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन परिचर्चा एवं परिवाद का आयोजन किया गया, जिसका विषय रहा “निर्भया से अभया तक… कितना बदला कानून, समाज और हम” जिस तरह से आर.जी. कर अस्पताल दुष्कर्म के मामले का तीव्र विरोध हो रहा, लोग सड़क पर आंदोलन कर रहें हैं, उसी आंदोलन को और प्रखर करने एवं सही दिशा देने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को महिला अपराध के प्रति साहित्य समाज का एक युद्ध कहना भी अतिशयोक्ति नहीं होगा।
कार्यक्रम में महिला वक्ता के तौर पर शामिल हुईं, वरिष्ठ साहित्यकार बिभा रानी श्रीवास्तव, स्वाति सिंह, मंजू चौहान, छाया सिंह, मौसमी प्रसाद एवं अनु नेवटिया। पुरुष वक्ताओं में संजय अविनाश, राजेन्द्र सिंह रावत, जय प्रकाश विलक्षण, आनंद मुखर्जी, रवि कुमार रवि एवं अमित कुमार अम्बष्ट शामिल रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत राजेंद्र सिंह रावत ने सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की कविता “नक्शा” से की, सभी वक्ताओं ने इस विषय पर अपनी-अपनी बात रखी। संचालन का कार्यभार अनु नेवटिया ने सम्भाला, जबकि कार्यक्रम का समापन रवि कुमार रवि जी ने अपनी कविता “लोहा” से किया।
वक्ता के तौर पर उपस्थित सभी साहित्यकार, कवि, कवयित्री एवं लेखक इस परिचर्चा के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि संस्था इस सन्दर्भ में एक ज्ञापन देश के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री को सौंपेगी। संस्था सभी विद्यालयों में खास कर के लडकियों के लिए सेल्फ डिफेंस के क्लास की मांग प्रधान मंत्री ऑफिस को पत्र लिखकर करेगी। साथ ही साथ दोनों ही संस्था संयुक्त रूप से कोलकाता, बिहार और दिल्ली में एक ही दिन, एक ही साथ एक प्रोटेस्ट मार्च का आयोजन भी करेगी।
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