कोलकाता। एक तरफ कोलकाता नगर निगम (केएमसी) अपना खर्च कम करने की बात कह रहा है, वहीं दूसरी तरफ केएमसी के मेयर परिषद के सदस्यों के लिए 50-50 हजार रुपये की कीमत वाले टैब खरीदने की तैयारी चल रही है। मेयर परिषद के सदस्य आनलाइन काम कर सके, इसे देखते हुए टैब खरीदने का निर्णय लिया गया है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही केएमसी की तरफ से एक अधिसूचना जारी की गई थी, जिसमें कहा गया था कि केएमसी के विभिन्न विभागों के अतिरिक्त खर्च को कम करने पर विचार किया जा रहा है।
इस बाबत सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी एक महीने में अपनी रिपोर्ट जमा करेगी। इसके बाद एक और अधिसूचना जारी करके कहा गया कि मेयर परिषद के सदस्य आनलाइन काम कर सके, इस बाबत उनके लिए टैब खरीदे जाएंगे। एक टैब का मूल्य 49,000 से ज्यादा नहीं होगा। इन दो विपरीत अधिसूचनाओं को लेकर सवाल उठ रहे हैं। टैब खरीदने पर सात से 10 लाख रुपये खर्च होंगे।
सवाल उठ रहा है कि खर्च कम करने को ओवरटाइम बंद कराया जा रहा है, गाड़ी का बिल देना बंद कर दिया गया है, विभिन्न वार्ड में 100 दिनों के काम के लिए कर्मियों को रुपये नहीं मिल पा रहे हैं, ठेका पर काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मी को भी रुपए नहीं मिल रहे, बहुत क्षेत्रों में वेतन बकाया है, ऐसी परिस्थिति में इस तरह का निर्णय क्यों लिया गया है?
कोलकाता के डिप्टी मेयर अतिन घोष से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। दूसरी तरफ भाजपा नेता सजल घोष ने कहा कि 100 दिन काम करने वालों को रुपये नहीं मिल पा रहे, वहीं दूसरी तरफ टैब खरीदे जा रहे हैं। मेयर परिषद के सदस्यों के बच्चे घर पर उसमें वीडियो गेम खेलेंगे। गौरतलब है कि बंगाल विधानसभा में विधायकों को भी लैपटाप दिया जा रहा है।