कोलकाता। पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने आगामी पंचायत चुनाव को देखते हुए सर्वदलीय बैठक बुलाने की घोषणा की है। पश्चिम बंगाल के लिए बीजेपी के विशेष पर्यवेक्षक और पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाने के औचित्य पर सवाल उठाए हैं। अमित मालवीय ने राज्य चुनाव आयुक्त को संवेदनहीन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए काम करने वाला करार दिया है।
मालवीय के मुताबिक राज्य चुनाव आयोग को पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले सर्वदलीय बैठक करनी चाहिए थी। ये अपने आप में अभूतपूर्व है कि 74,000 से ज्यादा सीटों के लिए बिना किसी सहमति के चुनाव की घोषणा कर दी गई। ऐसा सिर्फ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कहने पर किया गया है।
अमित मालवीय ने ट्वीट में लिखा- राजीव सिन्हा, आपको अपने कार्यो से बंगाल के लोगों में कम से कम कुछ विश्वास पैदा करना चाहिए कि आप राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना चाहते हैं। फिलहाल आप ममता बनर्जी के आज्ञाकारी बने हुए हैं।
पश्चिम बंगाल में बिना सर्वदलीय बैठक के पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा पर विधानसभा में नेता विपक्ष और बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने भी आपत्ति जताई है। इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया है कि सर्वदलीय बैठक के बाद चुनाव की तारीखों की घोषणा करने से राज्य चुनाव आयोग को किसी ने नहीं रोका था।
बता दें पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 10 जून को राजीव सिन्हा को तलब किया था और नामांकन प्रक्रिया के दौरान हिंसा को लेकर कड़ा संदेश भी दिया था। जिसके बाद राज्य चुनाव आयुक्त ने मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाने की घोषणा की। पश्चिम बंगाल में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 8 जुलाई को मतदान होना है और नतीजों की घोषणा 11 जुलाई को की जाएगी।