पूर्व मेदिनीपुर : कोरोना के कारण बंद स्कूलों को खोलने की मांग पर जगह-जगह व्यापक धरना-प्रदर्शन

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर । स्कूल में ही शिक्षा व्यवस्था की मांग पर शुक्रवार को पूर्व मेदिनीपुर जिले में महिलाओं व बच्चों ने व्यापक धरना-प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय महिला सांस्कृतिक संगठन की पहल पर माताओं और बच्चों ने परिसर में ही शिक्षा की मांग करते हुए जिले में प्रदर्शन किया और संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब सब कुछ सामान्य है तो आखिर दो साल से बंद स्कूली शिक्षा अब शुरू क्यों नहीं की जा रही है? साथ ही जनविरोधी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को रद्द करने की मांग भी की गई।

संस्था की ओर से इस जिले के तमलुक, कोलाघाट, मयना, कांथी और एगरा में कार्यक्रम आयोजित किए गए। संगठन की पहल पर जिले के डीएम, एसडीओ व डीआई के माध्यम से मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री को भी ज्ञापन भेजा गया। शुक्रवार दोपहर से शाम तक तमलुक के मानिकतला स्थित मातंगिनी हाजरा की प्रतिमा के समक्ष धरना प्रदर्शन चला। मंच पर भाषणों के साथ गीत गाए और प्रस्तुत किए गए। बाद में, मानिकतला के चारों ओर एक सुव्यवस्थित जुलूस निकाला गया। संगठन की सह-अध्यक्ष शीला दास, जिला सचिवालय की सदस्य प्रतिमा जाना, श्रावंती माझी और सविता सामंत आदि ने संगठन का नेतृत्व किया।

कांथी में कार्यक्रम का नेतृत्व श्रावणी पहाड़ी और रीता ओझा ने किया। इस अवसर पर जिला सचिव रीता प्रधान उपस्थित थीं। मयना में जुलूस का नेतृत्व जिला सचिव परिषद की सदस्य बेला पांजा और कृष्णा राय ने किया। कोलाघाट का नेतृत्व जिला सचिवालय की सदस्य प्रतिमा अधिकारी और सुतपा सिन्हा ने किया। एआईएमएसएस की पूर्व मेदिनीपुर जिला समिति की सचिव रीता प्रधान ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत देश के प्रमुख स्वास्थ्य विशेषज्ञ आज शैक्षणिक संस्थान खोलने के पक्ष में बातें कर रहे हैं। चुनाव, मेले, खेल, बाजार सब सामान्य है।

उधर, सरकार ने बार, रेस्टोरेंट और शराब की दुकानें खुली रखी है, लेकिन स्कूल में पढ़ाई शुरू करने के बजाय मोहल्ले में स्कूल या ऑनलाइन पढ़ाई की नौटंकी की जा रही है। इससे पूरा नुकसान छात्र समाज को हो रहा है। हमें लगता है कि हमारी राज्य सरकार ने ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ को लागू करने के लिए सभी शैक्षणिक संस्थानों को भी बंद कर दिया है, जो शिक्षा के पूर्ण निजीकरण की योजना बना रही है। आज हमने जिले भर में धरना प्रदर्शन किया और शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। सरकार ने जल्द स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी नहीं खोली तो आने वाले दिनों में एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।

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