- हजारों साधु-संतों ने लगाया जमावड़ा
कोलकाता। बांग्लादेश में हिंदुओं समेत अल्संख्यकों पर हमलों के विरोध में और इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की मांग करते हुए सोमवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में पेट्रापोल सीमा पर एक हजार से अधिक साधुओं ने प्रदर्शन में भाग लिया। पेट्रापोल सीमा चौकी से करीब 800 मीटर दूर विरोध स्थल पर अखिल भारतीय संत समिति के बैनर तले साधु सुबह से ही पहुंचने लगे।
विधानसभा में भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने बांग्लादेश मुद्दे पर बुधवार को पेट्रापोल सीमा पर विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की। इस प्रदर्शन में हिंदू जागरण मंच और अन्य धार्मिक समूहों के सदस्यों के शामिल होने की संभावना है।
पेट्रापोल सीमा पर पहुंचने के बाद एक साधु ने कहा, “हम बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने की मांग करते हुए भारत और बांग्लादेश सरकार को शांति का संदेश देने के लिए एक मानव श्रृंखला बनाएंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे।”
अखिल भारतीय संत समिति के बंगाल शाखा के अध्यक्ष स्वामी परमात्मानंद ने रविवार को कहा था कि जब तक बांग्लादेश सरकार हिंदुओं और मंदिरों पर हमलों को रोकने के लिए कार्रवाई नहीं करती, तब तक पेट्रापोल सीमा पर आंदोलन जारी रहेगा।
इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) पिछले कुछ दिनों से कोलकाता के अल्बर्ट रोड सेंटर में प्रार्थना सभा और कीर्तन का आयोजन कर रही है। उन्होंने चिन्मय दास की रिहाई की मांग करते हुए पड़ोसी देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की।
बांग्लादेश में 170 मिलियन आबादी में आठ फीसदी हिंदू हैं। उन्हें पांच अगस्त को शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से हमलों का सामना करना पड़ रहा है। बांग्लादेश इस्कॉन के पुजारी चिन्मय दास को देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
एक अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद ढाका और चटगांव समेत कई स्थानों पर अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया। एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शन के बीच सोमवार को पेट्रापोल सीमा पर कार्गो की आवाजाही सामान्य रही।
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