कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने बंगाल के बकाए की मांग पर पांच दिनों तक राजभवन के बाहर धरना दिया था। अब राज्य सरकार पर सरकारी कर्मचारियों ने महंगाई भत्ते के भुगतान की मांग पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। सरकारी कर्मचारियों के संगठन की ओर से आज मंगलवार और बुधवार दो दिनों के कार्य विराम का आह्वान किया गया है। इसका असर मंगलवार सुबह से ही सरकारी दफ्तरों पर दिख रहा है। कर्मचारी पहुंचे तो हैं लेकिन काम नहीं करने का आह्वान किया गया है।
राज्य सरकार की ओर से एक दिन पहले सोमवार को स्पष्ट कर दिया गया था कि बिना कारण ड्यूटी नहीं आने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इस बीच अहम रणनीति अपनाते हुए सरकारी कर्मचारियों ने दफ्तर जाने का तो निर्णय लिया है लेकिन वे काम नहीं करेंगे। माना जा रहा है कि इसका व्यापक असर राज्य भर में कामकाज पर पड़ सकता है जिससे लोगों को परेशानी होगी।
कर्मचारियों के संगठन का कहना है कि महंगाई भत्ता की मांग पर जो लोग आंदोलन में शामिल हो रहे हैं उन्हें अपने क्षेत्र से काफी दूर तबादला किया जा रहा है ताकि वे परेशान हों। इसके अलावा रिक्त पदों पर जल्द नियुक्ति नहीं हो रही। लंबे समय से अस्थाई नौकरियों को स्थाई नहीं किया जा रहा है। इसके साथ ही बकाया महंगाई भत्ते का भुगतान जल्द से जल्द करने की मांग पर कार्य विराम का आह्वान किया गया है।
उल्लेखनीय है कि भत्ते की मांग पर सरकारी कर्मचारी पिछले 257 दिनों से धर्मतल्ला में मातंगिनी हाजरा की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे हुए हैं। राज्य सरकार के पास कई ज्ञापन देने के बावजूद कोई लाभ नहीं हो रहा जिसे लेकर कर्मचारियों ने आंदोलन के रणनीति बनाई है।