Postering against Haroa MLA: Conspiracy or corruption?

हरोआ विधायक के खिलाफ पोस्टरिंग : साजिश या भ्रष्टाचार?

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। हाल ही में हरोआ विधानसभा से निर्वाचित तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक रबीउल इस्लाम के खिलाफ सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

रविवार सुबह से ही हरोआ विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में बिजली के खंभों और दीवारों पर चस्पा इन पोस्टरों में आरोप लगाया गया है कि विधायक ने मछली फार्मों से करोड़ों रुपये का गबन किया है।

इसके अलावा, पार्टी में पद दिलाने के लिए पैसे लेने के आरोप भी लगाए गए हैं। कुछ पोस्टरों पर “युवा तृणमूल कमेटी” और “तृणमूल कांग्रेस के सदस्य” लिखा गया है, जिससे यह संदेह भी पैदा हो रहा है कि यह विरोध खुद पार्टी के भीतर से उठ रहा है।

विधायक रबीउल इस्लाम ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे “राजनीतिक साजिश” करार दिया है। उनका कहना है कि वह केवल तीन महीने पहले विधायक बने हैं और यह उनके खिलाफ एक सुनियोजित षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि “कुछ लोग उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।”

इस पूरे विवाद पर भाजपा ने आक्रामक रुख अपनाते हुए तृणमूल कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है।

भाजपा नेताओं ने पोस्टरों में लिखे आरोपों को गंभीरता से लेने की मांग करते हुए कहा कि “तृणमूल कांग्रेस में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है, यह तो उनकी संस्कृति बन चुकी है।”

पोस्टर सामने आते ही इलाके में सनसनी फैल गई। तृणमूल कार्यकर्ताओं ने तुरंत पोस्टर हटाने की कोशिश की, जबकि पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या यह वाकई एक राजनीतिक साजिश है या फिर तृणमूल के अंदरूनी कलह का संकेत?

पोस्टर लगाने वालों की पहचान अब तक नहीं हो पाई है, लेकिन यह मामला पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया विवाद जरूर पैदा कर चुका है।

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