अहमदाबाद। भारत रविवार को नरेंद्र मोदी स्टेडियम में घरेलू मैदान पर दो पुरुष वनडे विश्व कप खिताब जीतने वाला एकमात्र देश बनने का सुनहरा मौका चूक गया। पूरा देश जिस जीत की उम्मीद कर रहा था, वो एक दर्दनाक हार में बदल गई। भारतीय खिलाड़ियों के आंखों में जो आंसू खुशी के देखने थे, वो गम के दिखे क्योंकि कंगारूओं ने फाइनल मुकाबले में बाजी मारी और भारत का ट्रॉफी जीतने का सपना तोड़ दिया।
ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे सफल खिलाड़ी ट्रैविस हेड (137) रहे, जिन्होंने अपनी शतकीय पारी के दम पर भारत की हार की कहानी लिखी। उनकी शानदार बल्लेबाजी ने भारतीय गेंदबाजों को खूब छकाया। इस मुकाबले में चाहे बल्लेबाजी हो, गेंदबाजी हो या क्षेत्ररक्षण ऑस्ट्रेलिया पूरी तरह से रोहित एंड कंपनी पर हावी थी। वहीं, भारतीय टीम पिछड़ती नजर आई।
बहुत धीमी और मुश्किल पिच पर पहले बल्लेबाजी करने से भारत पहले ही बैकफुट पर आ गया था। बड़ी मुश्किल से भारत ने 240 का लक्ष्य सेट किया। मगर, ऑस्ट्रेेलियाई टीम ने शुरुआती झटके लगने के बावजूद इसे आसानी से हासिल किया।
भारत, जिसने लगातार दस जीत के साथ विश्व कप में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया था। ऐसा लग रहा था कि वह पूरी तरह तैयार था। कोच द्रविड़ ने स्वीकार किया कि टीम मजबूत स्कोर से 30-40 रन पीछे रह गई। वैसे तो वर्ल्ड कप फाइनल में मिली हार से पूरी टीम इंडिया पर दुखों का पहाड़ टूटा है। लेकिन, कप्तान रोहित शर्मा का हाल सबसे बुरा है।