नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह ने पुलिस को निष्क्रियता और अतिसक्रियता से बचकर न्यायपूर्ण कार्य करने की सलाह दी है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये भारतीय पुलिस सेवा के 72वें बैच के परिवीक्षाधीन अधिकारियों से संवाद करते हुए गृहमंत्री ने कोरोना में जान गंवाने वाले पुलिस और स्वस्थ्यकर्मियों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए डॉक्टर दिवस और चार्टर्ड चार्टर्ड एकाउंटेंट्स दिवस की शुभकामनाएं दी। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि किसी भी संगठन के लिए व्यवस्था बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोई भी संगठन तभी सफलतापूर्वक चलता है, जब उसको चलाने वाले व्यवस्था का हिस्सा बन इसको मजबूत करने के लिए काम करें। संगठन की व्यवस्था सुधारने से संगठन स्वत: ही सुधरता है और बेहतर परिणाम देता है।
शाह ने यह भी कहा कि संगठन को व्यवस्था केंद्रित करना ही सफलता का मूल मंत्र है। गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह विजन है कि व्यवस्था तभी बदली जा सकती है जब उसकी मशीनरी को आज की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण में ही समस्याओं को दूर करने का बीजारोपण किया जाना चाहिए, ताकि व्यक्ति को अधिक से अधिक उत्तरदायी और कर्तव्यपरायण बनाया जा सके। शाह ने कहा कि प्रशिक्षण व्यक्ति के स्वभाव, काम करने की पद्धति और पूरे व्यक्तित्व को ढालने का काम करता है और अगर प्रशिक्षण ठीक से किया जाये तो जीवनभर इसके अच्छे परिणाम आते हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री कहा कि पुलिस पर निष्क्रियता (नो एक्शन) और अति सक्रियता (एक्सट्रीम एक्शन) के आरोप लगते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस को इनसे बचकर न्यायपूर्ण कार्य (जस्ट एक्शन) की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। शाह ने कहा कि जस्ट एक्शन का मतलब है कि स्वाभाविक ऐक्सन और पुलिस को कानून को समझकर न्यायोचित कार्य करना चाहिए।