नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर हुए बवाल के मामले में मुख्य आरोपियों में से एक दीप सिद्धू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। स्पेशल सेल ने दीप सिद्धू को अरेस्ट किया है। दीप पर आरोप है कि उसने लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराया था। बवाल के बाद से ही दीप सिद्धू फरार चल रहा था। दिल्ली पुलिस ने उसके ऊपर इनाम घोषित कर रखा था। दीप की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें लगी हुई थीं।
पंजाब सरकार के विशेषज्ञ पैनल ने की कृषि कानूनों में सुधार की मांग : राजधानी दिल्ली के सिंधु बार्डर, गाजीपुर बार्डर और टीकड़ी बॉर्डर पर किसान संगठन केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। यह आंदोलन बीते 72 से अधिक दिनों से चलता आ रहा है। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों का पंजाब की सरकार ने भी मुखर रूप से विरोध किया है। पंजाब सरकार का कहना है कि यह कानून किसानों के लिए काला कानून है, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा गठित किए गए विशेषज्ञों के एक समूह ने कृषि क्षेत्र में कई तरह से सुधारों की बात कही।
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किया अस्वीकार : इस समूह ने कृषि क्षेत्र में जिन सुधारों की बात कही उसके कई प्रावधान केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों से मिलते जुलते हैं। बता दें, इस कमेटी ने जो पंजाब सरकार को जो रिपोर्ट सौंपी थी, वो लोकसभा से तीनों नए कृषि कानूनों के पारित होने से 45 दिन पहले दी गई थी। सीएम अमरिंदर ने कमेटी को पिछले साल अप्रैल में कोरोना वायरस के बाद राज्य की आर्थिक रणनीति तैयार करने के लिए इस कमेटी का गठन किया था। योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया इसके अध्यक्ष थे और उनके नेतृत्व में कमेटी ने अगस्त में प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी थी। रिपोर्ट पेश होने के कुछ दिनों बाद इन सिफारिशों को खारिज कर दिया। मोंटेक सिंह अहलूवालिया के नेृत्तव वाली कमेटी में कृषि विशेषज्ञ और अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी भी शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और किसानों के बीच बातचीत के लिए जिस चार सदस्यीय पैनल का गठन किया था, उसमें अशोक गुलाटी भी शामिल थे।