विजय दिवस पर शेरे बिहार कुँवर सिंह एवं पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर राष्ट्रकवि दिनकर को काव्यांजलि

कोलकाता। रविवार को विजय दिवस पर स्वतन्त्रता सेनानी कुंवर सिंह और पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर राष्ट्रकवि दिनकर की याद में राष्ट्रीय कवि संगम की मध्य कोलकाता इकाई ने संस्था के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. गिरधर राय की अध्यक्षता में, एक अभूतपूर्व काव्य गोष्ठी का सफल आयोजन किया। जिसका संयोजन मध्य कोलकाता के जिलाध्यक्ष रामाकांत सिन्हा एवं जिला महामंत्री स्वागता बसु ने किया। इसका कुशल संचालन सौमि मजुमदार एवं विकास ठाकुर ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रांतीय महामंत्री राम पुकार सिंह एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रांतीय मंत्री बलवंत सिंह गौतम उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ आलोक चौधरी की सुमधुर सरस्वती वन्दना एवं जिलाध्यक्ष के स्वागत भाषण के साथ।फिर पटल पर उपस्थित सभी कलमकारों ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की स्मृति में अपने अपने काव्य पुष्प चढ़ाकर कार्यक्रम को यादगार बना दिया।

उपस्थित रचनाधर्मियों में देवेश मिश्र, सुषमा राय पटेल, आलोक चौधरी एवं विकास ठाकुर ने कविवर दिनकर को समर्पित अपनी ओजपूर्ण स्वरचित रचना प्रस्तुत की। विष्णुप्रिया त्रिवेदी, रीता चन्द्र पात्रा, आशुतोष मणि त्रिपाठी एवं अमित अम्बस्ट ने समसामयिक प्रेरणादायक रचनाएँ प्रस्तुत की। ऊषा जैन ने कृष्ण भजन तो नीता अनामिका ने विज्ञान को साहित्य में पिरोया। ललिता जोशी ने धरा दिवस पर रचना पढ़ी। स्वागता बसु ने सत्यजीत रे की पुण्यतिथि पर उन्हें स्मरण किया। रामाकांत सिन्हा ने ‘मुश्किल में दिल आफत में जान है’ ग़ज़ल सुनाई, सौमि मजुमदार ने अंतरात्मा की बात कही और रामपुकार सिंह ने शेरे बिहार कुँवर सिंह और दिनकर जी पर अपनी दमदार गजलें सुनाकर सभी का दिल जीत लिया।

बलवंत सिंह गौतम ने मध्य कोलकाता इकाई के कार्यकर्ताओं की तारीफ़ की। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में डॉ. राय ने अपनी रचना ‘मेरा क्या मैं तो ऐसे ही गीत सुनाऊंगा’ के द्वारा विजय दिवस पर स्वतन्त्रता सेनानी कुंवर सिंह को स्मरण करते हुए लोगों को कुंवर सिंह के बलिदान से अवगत करवाया। इस कार्यक्रम में साहित्य प्रेमी विजय कुमार पांडे सहित अनेक सुधि जन उपस्थित रहें। अंत में काव्य गोष्ठी स्वागता बसु द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ सुसंपन्न हुई।

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