नयी दिल्ली। बीबीसी पर बैन लगाने की मांग करने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ख़ारिज कर दिया है। हिदू सेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर बीबीसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। भारत की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सेंसरशिप नहीं लगाया जा सकता है। सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच ने कहा कि यह मांग पूरी तरह से गलत है। याचिका में कहा गया कि ‘इंडिया द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री का बैकग्राउंड देखा जाना चाहिए कि यह कब बनी। आज आपके पास मौका है जब एक भारतवंशी ब्रिटेन का प्रधानमंत्री है और भारत एक आर्थिक शक्ति बनकर उभर रहा है।
विष्णु गुप्ता के अलावा एक किसान बीरेंद्र कुमार सिंह ने भी डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाने की मांग की थी, जिनकी तरफ से एडवोकेट बरुण कुमार सिन्हा और पिंकी आनंद ने दलील दी। जस्टिस संजीव खन्ना और एमएम सुंद्रेश की बेंच ने कहा कि ये याचिका मिसकंसीव्ड (गलत समझा गया) है और कोर्ट संसेरशिप नहीं लगा सकती। गौरतलब है कि बीते माह बीबीसी ने डॉक्युमेंट्री ‘द मोदी क्वेश्चन’ के दो एपिसोड प्रसारित किए थे। हालांकि ये डॉक्युमेंट्री भारत में प्रसारित नहीं हुई लेकिन इंटरनेट से भी इसे हटा दिया गया।
कई विश्वविद्यालयों में इसकी स्क्रीनिंग को लेकर हंगामा हुआ और पुलिस ने स्क्रीनिंग रोक दी। केंद्र सरकार ने BBC की डॉक्यूमेंट्री इंडिया द मोदी क्वेश्चन के प्रसारण पर बैन लगा दिया था। बावजूद इसके BBC ने इसे हटाया नहीं है। याचिकाकर्ताओं ने चैनल पर भारत विरोधी रिपोर्टिंग का आरोप लगाया। हिंदू सेना का कहना था कि 2002 के गुजरात दंगों पर डॉक्यूमेंट्री बनाने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी से बीबीसी की जांच की जांच कराई जाए।