Paryagraj: प्रयागराज में सामाजिक सेवा एवम् शोध संस्थान ने पितृपक्ष के पावन अवसर पर पौधारोपण किया। आम, अमरूद, बरगद, नीम, पीपल, तुलसी के साथ कई प्रकार के फूल के पौधो का वितरण किया। राम बहादुर माली ने कई प्रकार के पौधो को लगाकर बच्चो को लगाने की विधि बताई। बच्चो को कार्यशाला आयोजित कर पर्यावरण का महत्व, पर्यावरण संरक्षण एवम पेड़ का जीवन मे महत्व के साथ कई प्रकार की उपयोगी जानकारी दी गई।
मानव के साथ सभी जीव जन्तु के लिए पेड़ जरूरी है। अतः पितरो को पौधारोपण कर सच्ची श्रद्धा अर्पित करें। हम सब को वही अच्छे कार्य करने चाहिए जो पूर्वजो को पसंद थे।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुधीर कुमार शुक्ला ने कि :-जिन पूर्वजो से हमें पहचान मिली और नाम मिला कहते उन्हें हम पितृ हैं अपने, ईश्वर का जिन्हें धाम मिला
भले दूर हो गए वे हमसे, हृदय में हमारे बसते हैं।
उनके संग बिताये पल बन याद उन्हें हम करते हैं,
पितृपक्ष के पावन दिनों में करते हम श्राद्ध और तर्पण करे।
श्रद्धा व् प्रेम से करते याद उन्हें, बनाते उनके मनपसंद व्यंजन का भोग, लगाकर समाज की सभी प्रकार से सेवा कर लिजिए।
याद उन्हें कर कहते उनसे, आकर भोग लगा जाना,
सदा रखना आशीष अपने बच्चों पर और सही राह हमें दिखलाया।
इस समय वर्षा हो रही है जिससे पौधे असानी से पनप जाते है इसलिए पौधारोपण कीजिए। सामाजिक सेवा एवम् शोध संस्थान को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। सभी प्रकार के समाजिक सेवा कार्य करने लिए।
सामाजिक सेवा एवम् शोध संस्थान की अध्यक्ष डॉक्टर रश्मि शुक्ला ने कहा की वर्तमान कोरोना महामारी के समय हमारे अपने आक्सीजन के अभाव मे मृत्यु को प्राप्त हो गए। उन सब की स्मृति मे हम सब को पौधारोपण करना चाहिए। श्राद्ध मे हम सब कौआ को खोज रहे हैं। पौधा पेड़ बन कौआ का निवास स्थान बन जाएगा। कौआ को खोजने का प्रयास नही करना होगा। वर्तमान मे कौआ को खोजना पढ़ रहा है।
हमारी सामाजिक सेवा एवम् शोध संस्थान अनवरत विगत कई वर्षो से पौधारोपण वितरण कर रही है, साथ में पौधारोपण भी कर रही है। मास्क, सेनेटाइजर, साबुन, कपड़े से बने थैलो का वितरण भी हो रहा है। समाज में सभी के हित तथा कल्याण के लिए यह संस्था काम कर रही है। निशुल्क सेवा हर वर्ग के लिए कल्याण कार्यक्रम कर रही है।
कार्यक्रम मे अनुश्री शुक्ला, चित्रांगद शुक्ला, गौरीका मेहता, कुसुम, सुहानी, शरणया, अर्चना, अरुणिमा आदि उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन पांडेय ने दिया। कार्यक्रम के अन्त में कविता, भजन, कीर्तन, नृत्य की प्रस्तुती हुई एवं कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ।