कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य की करीब 40 हजार दुर्गा पूजा समितियां को 70-70 हजार रुपये अनुदान देने का निर्णय लिया है। इसे चुनौती देते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई गई है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी. एस. शिवगणनम और हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ में सोमवार को यह याचिका दाखिल हुई है। इसी सप्ताह मामले में सुनवाई हो सकती है।
इस वर्ष मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूजा समितियों को राज्य सरकार का दान पिछले वर्ष के 60 हजार रुपये से बढ़ाकर 70 हजार रुपये करने की घोषणा की। यह सब्सिडी वाले बिजली बिल और विभिन्न राज्य सरकार के विभागों के विज्ञापनों के अतिरिक्त होगा। दरअसल, इस साल 22 अगस्त को एक कार्यक्रम में बढ़े हुए दान के फैसले की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने खुद इस मामले को अदालत में घसीटे जाने की आशंका जताई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ तिलचट्टे हैं जो किसी भी छोटे मुद्दे पर अदालत जाने के लिए हमेशा मौके का इंतजार करते रहते हैं। दावा है कि दान, बिजली सब्सिडी और राज्य सरकार के विज्ञापनों सहित 350 करोड़ रुपये का कुल खर्च हो सकता है। इस संबंध में मुख्यमंत्री के अपने तर्क हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि दुर्गा पूजा सिर्फ एक त्योहार नहीं है। यह त्योहार से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लाखों लोगों को आय प्रदान करने वाला एक बड़ा व्यावसायिक अवसर भी है। हर साल इस त्योहार पर लगभग 60 हजार करोड़ रुपये का एक बड़ा बाजार तैयार हो रहा है।