प्रजाध्वनि बनाम संकल्प पत्र

सुनिए जी! वोट देने से पहले जरा सोचिएगा – ध्रुवीकरण की होड़ है, तुष्टीकरण बेजोड़ है!

एक राज्य की चुनावी सरगर्मी में ज़ुबानी जंग से एक दूसरे पर छींटाकशी करने में मर्यादा लांग रहे हैं, ज़नता देख रही है – एडवोकेट किशन भावनानी

किशन सनमुख़दास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। भारत में 10 मई 2023 को एक राज्य में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है, जिसपर पूरे देश की निगाहें लगी हुई है। क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि यह चुनावीरण 2024 के आम लोकसभा चुनाव के सभी सेमीफाइनल्स में से एक होगा। परंतु जनता हैरान है कि शिक्षा का परमकाष्ठा राज्य प्रौद्योगिकी का बादशाह और सांस्कृतिक सभ्यता का प्रतीक माने जाने वाले इस राज्य में हम टीवी चैनलों के माध्यम से देख रहे हैं कि जिस तरह की जुबानी जंग से एक दूसरे पर छींटाकशी करने में मर्यादा लांघने, ध्रुवीकरण की होड़ और तुष्टीकरण बेजोड़ वाला फार्मूला अपनाया जा रहा है, उससे उस राज्य की ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता देख रही है।

पिछले दो दिनों में जारी दो पार्टियों के चुनावी घोषणापत्र प्रजाध्वनि और संकल्पपत्र को आमजनता देखा व समझ रही है, परंतु दिनांक 2 मई 2023 को एक पार्टी द्वारा जारी घोषणापत्र पर कुछ बवाल जरूर खड़ा हुआ है जिसमें नफ़रत फैलाने वालों वाली दो संस्थाओं पर बैन का वादा किया गया है। जिसमें से एक पर तो पहले से ही बैन लगा हुआ है। वर्ष 1947 में भारत की आजादी के बाद यहां लोकतांत्रिक प्रथा स्थापित हुई और भारत का पहला आम चुनाव 1951 में हुआ था, जिसे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने जीता था, बाद में एक राजनीतिक दल जो 1977 से बाद के चुनावों पर हावी रहा, जब स्वतंत्र भारत में पहली बार गैर-कांग्रेसी सरकार बनी। चूंकि एक राज्य में 10 मई 2023 को होने वाले चुनाव का जलवा अपने शबाब पर है, इसलिए आज हम टीवी चैनलों पर चल रही जानकारी, डिबेट के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, प्रजाध्वनि बनाम संकल्पपत्र – सुनिए जी! वोट देने से पहले जरा सोचिएगा, ध्रुवीकरण की होड़ है तुष्टीकरण बेजोड़ है।

साथियों बात अगर हम एक राज्य में विधानसभा चुनाव की करें तो अब महज छह दिन बचे हैं। इस बीच, रूलिंग पार्टी के बाद विपक्षी पार्टी ने भी चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है। दोनों ही पार्टियों ने कई बड़े वादे किए हैं। एक-दूसरे के घोषणाओं पर सवाल भी उठाने लगे हैं। रूलिंग पार्टी ने अपने घोषणा पत्र को प्रजा ध्वनि नाम दिया है। वहीं, विपक्षी पार्टी ने अपने चुनावी वादों को संकल्प पत्र नाम दिया है। साथियों बात अगर हम रूलिंग पार्टी के घोषणापत्र प्रजाध्वनि की करें तो बड़ी घोषणाएं, गरीबों को साल में तीन बार मुफ्त गैस सिलेंडर देने का वादा किया, ये सिलेंडर उगाड़ी, गणेश चतुर्थी और दीपावली में दिया जाएगा। इसके अलावा हर वार्ड में अटल आहार केंद्र खोलने का वादा भी किया है। इसके जरिए गरीबों को सस्ता और अच्छा भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।

अगर चुनाव में उनकी पार्टी जीत हासिल करती है तो बीपीएल कार्ड धारकों को प्रतिदिन पोषण स्कीम के तहत आधा लीटर नंदिनी दूध दिया जाएगा। नंदिनी दूध को लेकर पहले से ही सूबे में खूब सियासत चल रही है। 10 लाख गरीबों को घर, दलित महिलाओं के नाम 10 हजार की एफडी, हर महीने गरीबों को पांच किलो राशन, सूबे में समान नागरिक संहिता लागू करने का भी वादा किया है। पांच लाख तक के लोन पर किसी तरह का ब्याज न लेना, किसानों को बीज के लिए 10 हजार रुपये देना और वरिष्ठ नागरिकों का साल में एक बार मुफ्त हेल्थ चेकअप कराना भी शामिल है। घोषणा पत्र में पार्टी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का वादा किया है। राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाएगी।

राज्य के दस लाख बेघर लोगों को रहने के लिए मकान दिए जाएंगे महिला, एससी एसटी घरों के लिए 5 साल का दस हजार रुपए फिक्सड डिपॉजिट कराया जाएगा। सरकारी स्कूलों को विश्व स्तरीय मानदंडों के अनुसार अपग्रेड किया जाएगा। सीनियर सिटिजन के लिए हर साल मुफ्त हेल्थ चेकअप की सुविधा दी जाएगी। कल्याण सर्किट, बनवासी सर्किट, परशुराम सर्किट, कावेरी सर्किट, गंगापुरा सर्किट के विकास के लिए 1500 करोड़ रुपए दिए जाएंगे शहरी गरीबों के लिए पांच लाख घर देने का वादा। मुफ्त भोजन के लिए अटल आहार केंद्र खुलेंगे। वोक्कालिंगा और लिंगायत के लिए आरक्षण दो-दो प्रतिशत बढ़ाया जाएगा। तीस लाख महिलाओं के लिए फ्री बस पास मिलेगा। बेट्टा कुरबा, सिद्दी, तलवारा और परिवारा समुदाय को आदिवासी सूची में शामिल किया जाएगा।

पीएफआई और अन्य जिहादी संगठनों पर बैन लगाया जाएगा। राज्य में एनआरसी लागू होगा और अवैध शरणार्थियों को डिपोर्ट किया जाएगा। देव यात्रा तिरुपति, अयोध्या, काशी, रामेश्वरम, कोल्हापुर, सबरीमाला और केदारनाथ जाने के लिए गरीब परिवारों को 25 हजार रुपए की मदद। मंदिरों के प्रशासन के लिए पूर्ण स्वायत्तता देने के लिए एक समिति बनाई जाएगी और प्रदेश की राजधानी बेंगलुरु में स्टेट कैपिटल रीजन स्थापित होगा। किसानों के लिए 30 हजार करोड़ का फंड। इसके अलावा पार्टी ने किसानों के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में माइक्रो कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं, कृषि प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने और कृषि उपज समितियों के आधुनिकीकरण के लिए 30 हजार करोड़ रुपए के फंड का वादा किया है।

साथियों बात अगर हम एक विपक्षी पार्टी के घोषणा पत्र संकल्प पत्र की करें तो, सरकार बनने पर राज्य सड़क परिवहन निगम में सभी महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा, न्यू एजुकेशन पॉलिसी को रद्द करके राज्य में नई शिक्षा नीति लागू करने, 63 सीमावर्ती तालुकों में कन्नड़ भाषा और संस्कृति का विकास, आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने, 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने जैसे वादे किए गए हैं। प्रत्येक परिवार के महिला मुखिया को हर महीने दो हजार रुपये, बेरोजगार स्नातकों को दो साल तक प्रतिमाह दो हजार रुपये, बेरोजगार डिप्लोमा धारकों को डेढ़ हजार रुपये, रात में ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों को प्रतिमाह पांच हजार रुपये विशेष भत्ता देने का भी वादा किया है।

हालांकि, घोषणा पत्र में सबसे ज्यादा चर्चा, सूबे में नफरत फैलाने वाले संगठनों को बैन लगाने के वादे की हो रही है। गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को प्रति माह 10 किलो अनाज मिलेगा। बेरोजगार स्नातकों को प्रति माह 3, हज़ार और युवा निधि के तहत बेरोजगार डिप्लोमा धारकों को 1,5 सव रुपए प्रदान किए जाएंगे। नियमित केएसआरटीसी/बीएमटीसी बसों में पूरे राज्य में सभी महिलाओं को मुफ्त यात्रा प्रदान करने का वादा किया है। रात में ड्यूटी करने वाले पुलिस वालों को 5 हज़ार रुपये का विशेष भत्ता देने का वादा। समुद्र में मछली पकड़ने के लिए हर साल 500 लीटर टैक्स फ्री डीजल दिया जाएगा। 90 दिनों के भीतर कार्य शुरू करने, अनुबंध में निर्दिष्ट समय के भीतर कार्य पूरा करने और कॉन्टैक्ट की समय सीमा के भीतर ठेकेदारों के बिलों का निपटारा करने का वादा1000 करोड़ का सीनियर सिटिजन वेलफेयर फंड बनाने का वादा।पांच हजार वुमेन इंटरप्रेन्योर को सहयोग दिया जाएगा।

कांग्रेस ने घोषणा पत्र में 25 हजार सिविक वर्कर्स को रेगुलेराइज करने का वादा किया है। प्रत्येक पूरकर्मिका का 10 लाख तक का इंश्योरेंस किया जाएगा। मिल्क सब्सिडी को 5 रुपए से बढ़ाकर 7 रुपए कर दिया जाएगा। भेड़-बकरी के लिए किसानों का एक लाख रुपए तक का लोन माफ कर दिया जाएगा। अपने घोषणापत्र में प्रतिबंधित संगठन की तुलना एक संगठन से जुड़े युवा शाखा से करते हुए कहा कि वह ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाएगी, जो दुश्मनी या नफरत को बढ़ावा देते हैं। कहा कि अगर पार्टी राज्य में सत्ता में आती है, तो नफरत फैलाने वाले संगठनों पर प्रतिबंध लगाने सहित कानून के अनुसार निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।

कहा गया कि पार्टी जाति या धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम मानते हैं कि कानून और संविधान पवित्र हैं। दोनों संगठनों द्वारा इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है। इस मुद्दों को रूलिंग पक्ष जोर-जोर से उठाकर जबरदस्त ध्रुवीकरण में लगे हुए हैं। इस रण में बड़े-बड़े स्टार प्रचारक बयान दे रहे हैं। आज दिनांक 2 मई 2023 को यह मामला एक दूसरे विपक्षी शासित राज्य में भी जहां वर्षांत तक चुनाव होने हैं वहां भी इसकी गूंज सुनाई दी मेरा मानना है कि अब इसकी गूंज चुनावीरण 2024 तक हर राज्य के चुनाव में सेमीफानइल्स राण 2024 तक सुनाई देगी।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरा विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि प्रजाध्वनि बनाम संकल्प पत्र।सुनिए जी ! वोट देने से पहले जरा सोचिएगा – ध्रुवीकरण की होड़ है, तुष्टीकरण बेजोड़ है ! एक राज्य की चुनावी सरगर्मी में ज़ुबानी जंग से एक दूसरे पर छींटाकशी करने में मर्यादा लांग रहे हैं, ज़नता देख रही है।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

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