दिव्यांगजनों की अनूठी प्रतिभा प्रदर्शित करने को एशियन लिटरेरी सोसाइटी द्वारा परवाज़-2021 का आयोजन

कोलकाता : 31 जनवरी, 2021 को, एशियन लिटरेरी सोसाइटी ने परवाज़- 2021 कार्यक्रम का आयोजन किया।  वर्तमान कोरोना महामारी  को देखते हुए  यह कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मनोज कृष्णन (संस्थापक, एशियन लिटरेरी सोसाइटी) के स्वागत भाषण से शुरू हुई। मुख्य अतिथि पद्म  डॉ. श्याम सिंह शशि (प्रख्यात लेखक और सामाजिक वैज्ञानिक) ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया तथा दिव्यांगजनों के द्वारा किये गए अभूतपूर्व योगदान से दर्शकों को अवगत कराया।  डॉ. अमरेन्द्र खटुआ (पूर्व सचिव, विदेश विभाग) ने दिव्यांगों की समस्याओं को  विभिन्न  सामाजिक मंचों पर चर्चा करने पर जोर दिया।  “खुदा के बन्दे – अलग लेकिन कम नहीं” पर एक  चर्चा आयोजित की गई  जिसमें सुश्री मीरा बरुआ (संस्थापक, एएफए), श्री अखिल पॉल (संस्थापक, सेंस इंडिया), सुश्री गुलशन कवराना (संस्थापक, एसएफएस)), और श्री जयमिल जोशी (संस्थापक, गिम्मी5) ने दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण विषय पर चर्चा की।

“समावेश-एक मिथक या वास्तविकता” विषय पर एक अन्य पैनल चर्चा में,  नीना रैना (सह-संस्थापक, टेंडर हर्ट्स एरिना, दुबई),  फिओनिका  संघवी (प्रिंसिपल, एसपीजे साधना स्कूल), और  रहीमा अमीरली (संस्थापक, राइजिंग स्टार्स डीएक्सबी) ने माता-पिता, परिवार और समाज की दिव्यांगजनों के प्रति मानसिकता बदलने पर जोर दिया। परवाज़-2021 कार्यक्रम का खास आकर्षण प्रतिभा प्रदर्शन और कला प्रदर्शनी था जिसमें भारत और विदेशों के दिव्यांगजनों ने भाग लिया। प्रतिभागियों में शरण डेल्हिवाला, वंश राजवानी, तरुण नायर, वरुण सावंत, मिहिर पिल्लई, अनुष्का टंडन, मोहम्मद अफ्फान हाशमी, वरुण रैना, जील वलांद, वैष्णव के, उर्वी भावेशभाई राठी, करण वर्मा, जिनिया देसाई, स्नेहा ठाकुर, उसैद शेख, फातिमा सिद्दीक, अद्वितीय कुमार भटनागर, साहल रियाज, अनन्या हलनकर, जूलन मेहता, निशा परमार, प्रेरणा ग्वालानी, मार्क गिल्बर्ट ऑस्टिन, कृष्णेंदु चटर्जी, आदित्य तोमर, सोम पराशर, दीपशिखा राठौर, बिहाग श्रीनिवास, कृशा शाह, श्रेयस किरण, दिव्या ग्वालानी, सिद्धनाथ पालापर्ती, एवं हिरल शाह शामिल थे ।

समारोह में “दिव्यांगजनों के शिक्षा के अधिकार” विषय पर एक पैनल चर्चा भी हुई जिसमें पैनलिस्ट  वर्षा मखीजा (मुंबई के गेट-वे स्कूल), अनुशा सुब्रमण्यन (प्रख्यात पत्रकार और विद्वान), डॉ. सुनीता वाडीकर (पूर्व प्राचार्या, पिल्लई कॉलेज ऑफ एजुकेशन एंड रिसर्च) और  बीना पिल्लई (प्रख्यात लेखिका) ने दिव्यांगजनों को शिक्षित करने तथा उनके लिए बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया। परवाज़ समारोह का संचालन  अनीता चंद, डॉ. स्वास्ति धर,  निशा टंडन और ज़ेबा तबस्सुम ने किया। संस्थापक श्री मनोज कृष्णन ने कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को सम्मानित किया। एशियन लिटरेरी सोसाइटी की परवाज़-2021 को दुनिया भर के पाठकों एवं दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली और उन्होंने कोरोनोवायरस महामारी के समय एशियन लिटरेरी सोसाइटी (एएलएस) की इस पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

20 − 17 =