- दुर्गा पूजा के बाद स्कूल खुलने की खबर सुनने से शिक्षकों और अभिभावकों में खुशी का माहौल
धर्मवीर कुमार सिंह, हावड़ा : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में घोषणा किया था की दुर्गा पूजा के बाद स्कूल खोले जायेंगे! जिससे शिक्षकों और अभिभावकों में खुशी का माहौल है क्योंकि डेढ़ साल से स्कूल बंद है और बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर रहे है परन्तु बच्चों को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है लेकिन शैक्षणिक व्यवस्था में मोबाइल और अन्य उपकरणों के प्रयोग से शिक्षा जगत में एक नया परिवर्तन आया है जिससे सभी को कुछ नया सीखने के लिए मिला है।
हावड़ा के लिलुआ इलाके में स्थित जी.एम. प्ले हाउस बच्चों को किताबी ज्ञान के अलावा स्मार्ट क्लास की सुविधा प्रदान कर रहा है। पिछले साल की तरह इस बार भी बच्चों ने इस स्कूल में ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से बेहतर परिणाम हासिल किया है और यहा बच्चों को बेहतर शिक्षा भी प्रदान किया जाता है।
स्कूल के प्रिंसिपल विजय सिंह का कहना है की डेढ़ साल से स्कूल बंद है लेकिन हम लोगों ने बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से उनकी शिक्षा को जारी रखा है ताकि कक्षाएं बंद होने से उनके पढ़ाई पर बुरा असर ना पड़े। इसके साथ ही उन्होंने बताया की बच्चों को मारपीट कर नहीं पढ़ाया जा सकता है, बल्कि उन लोगों को समझा-बुझाकर प्यार से पढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि आज के बच्चे कल के भविष्य हैं।
स्कूल में साल भर कोई ना कोई क्रार्यक्रम होता रहता है। जिनमें मुख्य रुप से टीचर्स डे, चिल्ड्रंस डे, ड्राइंग कंपटीशन, सरस्वती पूजा आदि शामिल है।
स्कूल के कोऑर्डिनेटर माधुरी सिंह का कहना है की बच्चों को अभी ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से शिक्षा दिया जा रहा है दुर्गा पूजा के बाद स्कूल खुलने की उम्मीद से सारे शिक्षक और अभिभावक काफी खुश हैं और राज्य सरकार के इस फैसले की सराहना करते हैं।
स्कूल की शिक्षिका सुष्मिता बाग का कहना है की ऑनलाइन कक्षाओं में बच्चों को समझाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, यदि स्कूल जल्दी खुल जाए तो बच्चों की पढ़ाई पहले की तरह हो जाएगी। शिक्षिका सोनी भगत का कहना है कि मैं बच्चों को समझा-बुझाकर प्यार से पढ़ाना ज्यादा पसंद करती हूं।
क्या कह रहे हैं अभिभावक?
अभिभावक नीतू साव का कहना है की ऑनलाइन तकनीक के माध्यम से पढ़ाई हो रही है बच्चे भी इस तकनीक को बेहतर ढंग से ग्रहण कर पा रहे हैं। अभिभावक निधि जैन का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में मोबाइल का इस्तेमाल हो रहा है इससे बच्चे पढ़ पा रहे हैं लेकिन पहले के जैसा उनको माहौल नहीं मिल पा रहा। अभिभावक तनु शर्मा का कहना है कि वह अपने बच्चों को बिना वैक्सीनेशन के स्कूल नहीं भेजेंगी, क्योंकि पढ़ाई भी जरूरी है और साथ में स्वास्थ्य भी जरूरी है।
सरकार को पहले वैक्सीनेशन का काम तेजी से करना चाहिए उसके बाद ही यदि स्कूल खुले पूजा के बाद तो ज्यादा बढ़िया होगा। अभिभावक गौरी जायसवाल का कहना है की ऑनलाइन कक्षाओं में मोबाइल का इस्तेमाल हो रहा है जिससे बच्चों के स्वास्थ्य के ऊपर बुरा असर पड़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही उनको फायदा भी पहुंच रहा है एक नई तकनीक का अनुभव कर रहे हैं।