खड़गपुर : पूर्व मेदिनीपुर जिला अंतर्गत पांशकुड़ा की मेदिनीपुर नहर स्लम विकास समिति के आह्वान पर मंगलवार को पांच सौ से अधिक झुग्गीवासियों ने ‘पुनर्वास के बिना बेदखली नहीं’ की मांग को लेकर पांशकुड़ा नहर बाजार में धरना दिया। पुनर्वास की मांग को लेकर पांशकुड़ा सिंचाई विभाग के एसडीओ को ज्ञापन भी सौंपा गया।
मुख्य वक्ता के रूप में सारा बांग्ला हॉकर यूनियन के अध्यक्ष मधुसूदन बेरा ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, ”आज गरीब लोग नहर किनारे रहने को क्यों मजबूर हैं?’ उनके आवास की व्यवस्था करना सरकार की जिम्मेदारी हैI
‘हॉकर एक्ट 2014′ लागू कर उनका पुनर्वास किया जाए। “निज गृह निज भूमि” परियोजना से इन लोगों के लिए घर बनाना चाहिए।’ बस्ती विकास समिति के संयुक्त सचिव कार्तिक बर्मन, उपाध्यक्ष मेहबूब मल्लिक, आंदोलन के नेताओं में से एक लक्ष्मीकांत सांतरा और दीपांकर मा ई ती ने भी वक्तव्य रखा।
आंदोलन को तेज करने के लिए, 30 सदस्यीय स्लम विकास समिति का पुनर्गठन किया गया, जिसमें महबूब मलिक को अध्यक्ष और कार्तिक बर्मन और लक्ष्मीकांत सांतरा को संयुक्त सचिव बनाया गया।
नवनिर्वाचित संयुक्त सचिव कार्तिक बर्मन और अध्यक्ष मेहबूब मल्लिक ने कहा, ”हम गरीब लोग हैं…’मजदूरी करते हैं, लोगों के घरों में काम करते हैं और किसी तरह परिवार चलाते हैं। हमारे पास कोई ज़मीन नहीं है। हम यहां रहने को मजबूर हैं। हम जानते हैं कि कई प्रभावशाली लोग नहर के किनारे बड़े-बड़े मकान बनाकर कारोबार कर रहे हैं, क्या उन्हें बेदखल किया जाएगा?
केवल गरीब लोगों पर अत्याचार होता है। यदि हमें अधिक आवश्यकता के कारण बेदखल किया जाता है, तो हमें पहले पुनर्वास की व्यवस्था करनी होगी। नहीं तो हम छोटे-छोटे बच्चों को लेकर कहाँ जायेंगे? हम आने वाले दिनों में एसडीओ और डीएम को प्रतिनियुक्ति देंगे।
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