पांशकुड़ा : प्रतिवादी नाटक “मातंगिनी” का मंचन, दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर ।  मैं समाज के अन्याय और अनाचार को रोकना चाहता हूं, नारी शक्ति का जागरण करना चाहता हूं। नारी शक्ति का विरोध सामाजिक परिवर्तन को दिशा दे सकता है। इसी विषय को ध्यान में रखकर एकांक नाटक ‘मातंगिनी’ तैयार किया गया है। इस नाटक को शिवंकर चक्रवर्ती ने लिखा है। स्वतंत्रता आंदोलन की अमर शहीद वीरांगना मातंगिनी हाजरा के जिले में हाल ही में नाटक का बंद दरवाजे के भीतर प्रदर्शन किया गया। बी-वर्ण प्रेक्षापत थिएटर ग्रुप ने पांशकुड़ा स्टेशन बाजार से सटे विवेकानंद हॉल में आमंत्रित विद्वान दर्शकों के सामने नाटक प्रस्तुत किया।

शो में पांशकुड़ा शहर और अन्य क्षेत्रों के प्रमुख थिएटर प्रेमियों को आमंत्रित किया गया था। वर्णाली गोस्वामी, शेख मुश्ताक अली, परीक्षित अधिकारी, तन्मय भौमिक और सौमित्र बर ने नाटक में शानदार अभिनय किया है। नाटक देखने के लिए सौरेन चट्टोपाध्याय, आलोक माईती, सुदीप करण, स्वागता चट्टोपाध्याय, अनूप आदक, अमित रंजन दास, पार्थ दास, प्रदीप कुलाबी, सुशांत घोष, सरोज मान्ना, कंचनज्योति दलोई और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

दर्शकों ने नाटक की सराहना की। इसके अलावा, उन्होंने थिएटर ग्रुप को सुझाव दिया कि अगर सुधार किया जाए तो नाटक को और बेहतर किया जा सकता है। कुशल जानकार शेख मुश्ताक अली ने कहा कि इस बंद दरवाजे के शो का आयोजन उन प्रमुख लोगों के साथ किया जाता है जो नाटक को बेहतर अर्थ देने के उद्देश्य से नाटक से प्यार करते हैं। ज्ञात हो कि पिछले एक दशक से भी अधिक समय से पांशकुड़ा की यह ‘ब-वर्ण प्रक्षापत’ रंगमंच मंडली दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देने वाले नाटक प्रस्तुत कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

three × two =